scorecardresearch
 

सतीश धवन, जिन्होंने हिंदुस्तान को आसमान तक पहुंचाया

1972 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष के रूप में, धवन भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रमों को नई ऊंचाइयों पर ले गए थे.

Advertisement
X
Satish Dhawan Indian Aerospace Engineer
Satish Dhawan Indian Aerospace Engineer

Advertisement

अगर आज हिंदुस्तान जमीन से छलांग मार आसमान तक जा पहुंचा है, तो इसका श्रेय मशहूर अंतरिक्ष वैज्ञानिक सतीश धवन को भी जाता है. देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने वाले सतीश धवन का जन्म आज ही के दिन 1920 में हुआ था. वे एक महान वैज्ञानिक होने के साथ-साथ एक बेहतरीन इंसान और कुशल शिक्षक भी थे. 

एयरोस्‍पेस इंजीनियर प्रोफेसर सतीश धवन का जन्‍म साल 1920 में 25 सितंबर को श्रीनगर में हुआ था.

सतीश धवन को 'Father Of Experimental Fluid Dynamics ' के तौर पर जाना जाता है.

...जब इंदिरा गांधी ने नाश्ते में मांगी जलेबी, मठरी

-1972 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष के रूप में, धवन भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रमों को नई ऊंचाइयों पर ले गए थे.

-श्रीहरिकोटा में सैटेलाइट लॉन्च सेंटर का नाम उनके ही नाम 'सतीश धवन स्पेस सेंटर' पर है.

Advertisement

-विक्रम साराभाई के बाद साल 1972 में उन्‍होंने इसरो चेयरमैन का पद संभाला.

जानिए क्‍यों श्रीहरिकोटा से ही सैटेलाइट लॉन्‍च करता है #ISRO

-उन्होंने लाहौर की पंजाब यूनिवर्सिटी से गणित और फीजिक्स में ग्रेजुएशन किया. इसके बाद उन्‍होंने इंग्लिश लिट्रेचर में पोस्‍ट ग्रेजुएशन की.

-इसके बाद सतीश धवन अमेरिका गए जहां पर उन्‍होंने University of Minnesota से aerospace engineering में एमएस किया.

-भारत की पहली सुपरसॉनिक विंड टनल IISc बंगलुरू में लगाने का श्रेय उन्‍हें ही जाता है.

वैज्ञानिकों ने बढ़ाया भारत का मान, कामयाब हुआ मंगल मिशन

-उन्‍होंने सफलतापूर्वक INSAT, IRS और PSLV के रिमोट सेंसिंग और उपग्रह संचार कार्यक्रम का काम भी संभाला.

-उन्हें पद्म विभूषण और इंदिरा गांधी पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. 

-3 जनवरी 2002 को उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया. 

Advertisement
Advertisement