सीबीएसई पाठ्यक्रम में क्लास एक से बारहवीं तक अनिवार्य रूप से नैतिक शिक्षा पढ़ाए जाने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और सीबीएसई को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
महिला वकील संतोष सिंह की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद यह नोटिस जारी किया गया. याचिका में गिरते नैतिक मूल्यों पर चिंता जताते हुए सीबीएसई पाठ्यक्रम में नैतिक शिक्षा को अनिवार्य विषय के रूप में शामिल किए जाने की मांग की गई है. इसमें कहा गया है कि पाठ्यक्रम में नैतिक शिक्षा अनिवार्य करने से छात्रों में राष्ट्रीय चरित्र विकसित होगा. इसलिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति में नैतिक शिक्षा को प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च स्कूली शिक्षा में शामिल किया जाए.
याचिका में कहा गया है कि वर्तमान शिक्षा व्यवस्था में तत्काल बदलाव करने की जरूरत है, क्योंकि चरित्र निर्माण ही राष्ट्र की रीढ़ है, जबकि आधुनिक शिक्षा सिर्फ नौकरी हासिल करने तक ही केंद्रित है. बच्चों को सदाचारी और जिम्मेदार जीवन जीने की शिक्षा दी जानी चाहिए न कि सिर्फ पैसा कमाने की.