सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद कोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी है, जिसमें 1.72 लाख शिक्षामित्रों की नियुक्तियों को रद्द करने को कहा गया था.
इस फैसले पर राज्य सरकार और शिक्षामित्रों की निगाहें टिकी हुई थी. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 12 सितंबर को 1 लाख 72 हजार शिक्षकों की नियुक्ति को अवैध ठहराया था. इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.
नियुक्तियों को रद्द करने के विरोध में राज्य सरकार ने तर्क दिया था कि राज्य में शिक्षकों की कमी के चलते ही इन शिक्षकों की भर्ती की गई थी.
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला 24 फरवरी को होनेवाली सुनवाई में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. वहीं, कोर्ट ने यूपी सरकार से आवेदनों को तीन कैटेगरी में बांटने को भी कहा है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश में नए शिक्षा मित्रों की बहाली नहीं करने का भी आदेश दिया गया है.