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स्कूलों को देनी होगी संपत्ति, फीस स्ट्रक्चर और एडमिशन प्रोसेस की जानकारी

देश की राजधानी दिल्ली के कुछ प्राइवेट स्कूल सरकार की जांच-पड़ताल के दायरे में आ सकते हैं. सरकार स्कूलों से उनकी संपत्ति, फीस स्ट्रक्चर, एडमिशन प्रोसेस और शिक्षकों की योग्यता से संबंधित जानकारियों के बारे में पूछ-ताछ कर सकती है.

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मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी
मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी

देश की राजधानी दिल्ली के कुछ प्राइवेट स्कूल सरकार की जांच-पड़ताल के दायरे में आ सकते हैं. सरकार स्कूलों से उनकी संपत्ति, फीस स्ट्रक्चर, एडमिशन प्रोसेस और शिक्षकों की योग्यता से संबंधित जानकारियों के बारे में पूछ-ताछ कर सकती है. मानव संसाधन विकास मंत्रालय इस बारे में कदम उठा रहा है.

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सरकार एक नया कानून बना रही है जिसके अंतर्गत प्राइवेट और सरकारी स्कूलों को एडमिशन और कई दूसरी तरह की जानकारियां साझा करनी होगी. ये कानून स्टूडेंट फ्रेंडली होंगे. इस कानून की मदद से स्कूलों की मनमानी पर लगाम लगाई जाएगी. दिल्ली के स्कूलों में ऐसा देखा जाता है कि स्कूल एक साल की फीस एक बार ले लेते हैं, उसके बाद अगर स्टूडेंट स्कूल बदलना भी चाहते तो उसकी फीस वापस नहीं की जाती है. इस परेशानी से जुड़े भी कानून बनाए जा सकते हैं.

वहीं, शिक्षकों की भर्ती से संबंधित गाइडलाइंस भी जारी किए जा सकते हैं. पूर्व शिक्षा मंत्री कपिल सिब्बल भी एजुकेशन सिस्टम के इन दोषों को दूर करना चाहते थे लेकिन उनके प्रोपोजल को संसद से सहमति नहीं मिल पाई थी.

वहीं, दिल्ली के कुछ प्री-स्कूल और प्री-प्राइमरी स्कूल दिल्ली सरकार की ओर से एलॉट की गई जमीन पर चल रही है. सरकार ऐसे स्कूलों से पिछले तीन साल के एडमिशन डिटेल्स भी मांग सकती है. जो स्कूल डिटेल्स देने में नाकामयाब रहेंगे उनकी लीज कैंसिल हो सकती है. वहीं, जिन स्कूलों में कम आय वर्ग (EWS) कोटे से एक भी एडमिशन नहीं हुए हैं, उनसे इस बारे में सफाई भी मांगी जा सकती है.

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