सतत समग्र मूल्यांकन यानी सीसीई को लेकर स्टूडेंट्स का फीडबैक सही नहीं रहा है, यही वजह है कि स्टूडेंट्स ने सरकार से मांग की कि वह फिर से बोर्ड परीक्षा लागू करें. स्टूडेंट्स को लगता है कि सतत समग्र मूल्यांकन (सीसीई) प्रणाली लापरवाहपूर्ण रवैये को बढ़ावा देती है.
एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम की मांग करते हुए छात्रों ने आग्रह किया कि सही सामग्रियों के अभाव में उन्हें एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी करने के लिए कोचिंग सेंटर का रूख करना पड़ता है.
मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी से बातचीत करते हुए विभिन्न सरकारी और निजी स्कूलों के छात्रों ने अपने सुझाव पेश किए. आपको बता दें कि यह पहल ऐसे समय में हो रही है जब मंत्रालय अगले साल नई शिक्षा नीति तैयार करने के कोशिश में लगा हुआ है.
छात्रों की ओर से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, करियर काउंसलिंग, शिक्षण पेशे को और आकषर्क बनाने जैसे सुझाव पेश किए गए.
चर्चा के दौरान सतत समग्र मूल्यांकन (सीसीई) एक प्रमुख विषय बनकर उभरा और छात्रों की दलील थी कि इससे शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने में मदद नहीं मिल रही है.
ईरानी ने कहा कि वह छात्रों की ओर से उठाए गए विषयों को आगामी केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड (केब) की बैठक में उठाएंगी.