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सेक्‍स एजुकेशन से 'सेक्‍स' शब्‍द ही गायब!

स्‍कूलों में किशोरों को सेक्‍स एजुकेशन तो दी जा रही है पर इसमें 'सेक्‍स' शब्‍द शामिल करने पर सरकार को ऐतराज है. जानिए क्‍यों...

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किशोरों को NCERT की किताबों के माध्‍यम से सेक्‍स एजुकेशन तो दी जा रही है लेकिन इन चैप्‍टर्स में से 'सेक्‍स' शब्‍द ही गायब है. दरअसल सरकार इस शब्‍द को बच्‍चों को पढ़ाने के नजरिए से उचित नहीं मानती.

कुछ माह पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने किशोर शिक्षा के लिए विशेषज्ञ पैनल द्वारा दिए गए सुझावों में इसलिए बदलाव करने को कहा था क्‍योंकि ऑरिजनल ड्राफ्ट में दो बार 'सेक्‍सुअल' शब्‍द का प्रयोग किया गया था.

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यह फाइनल डॉक्‍यूमेंट इस साल मई में सबमिट कराया गया था, उस समय स्‍मृति इरानी शिक्षामंत्री थीं. इससे पहले राज्‍य सभा कमेटी में 2009 रिपोर्ट पेश करते हुए वरिष्‍ठ भाजापा नेता वेंकटेश नायडू ने टेक्‍स्‍टबुक्‍स से कांडोम्‍स और कुछ शारीरिक भागों से संबंधित सामग्री हटाने की मांग की थी. 

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सूत्रों के अनुसार इस विशेषज्ञ समिति के ऑरिजनल ड्राफ्ट में आधा पेज किशोर शिक्षा पर था, इसमें कहा गया था कि अनसेफ सेक्‍स पर और पाठ्य सामग्री बढ़ाई जानी चाहिए. पर मंत्रालय के अधिकारियों ने इस पर चर्चा के अंतिम राउंड में ऑब्‍जेक्‍शन किया. उन्‍होंने कहा, 'सेक्‍स या सेक्‍सुअल जैसे शब्‍दों को प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए और इस सेक्‍शन को केवल एक वाक्‍य में पढ़ा देना ही उचित है.'

बता दें कि नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी) की कक्षा 9 से कक्षा 12 तक की टेक्‍स्‍टबुक्‍स में इस तरह की एजुकेशन वर्ष 2007 से दी जा रही है.

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