23 मार्च, 1931 को अंग्रेजी हुकूमत ने भारत के तीन सपूतों- भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी पर लटका दिया था. शहीद दिवस के रूप में जाना जाने वाला यह दिन यूं तो भारतीय इतिहास के लिए काला दिन माना जाता है, पर स्वतंत्रता की लड़ाई में खुद को देश की वेदी पर चढ़ाने वाले यह नायक हमारे आदर्श हैं. इन तीनों वीरों की शहादत को श्रद्धांजलि देने के लिए ही शहीद दिवस मनाया जाता है.
तीनों क्रांतिकारियों की इस शहादत को आज पूरा देश याद कर रहा है. लोग सोशल मीडिया पर इन क्रांतिकारियों से जुड़े किस्से, इनके बयानों को शेयर कर रहे हैं.
भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की शहादत पर जानें उनसे जुड़ी बातें
शहीद दिवस पर भगत सिंह को याद करते हुए फेसबुक पर आदित्य सिंह ने लिखा-
तीन परिंदे उड़े तो आसमान रो पड़ा,
ये हंस रहे थे मगर हिंदुस्तान रो पड़ा..!!
#इंकलाब_जिन्दाबाद
शहीद दिवस पर शत शत नमन...
जब इश्क और क्रांति का अंजाम एक ही है
तो रांझा बनने से अच्छा है भगतसिंह बन जाओ...
वीर भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के बलिदान दिवस पर उनको शत् शत् नमन.
ट्वीटर पर आनंद कलवर ने लिखा- एक बार सांस लेना भूल जाना मगर क्रांतिकारियों का बलिदान मत भूलना, अमर शहीद भगत सिंह, शिवराम राजगुरु और सुखदेव थापर को श्रद्धांजलि.
23 मार्च 1931...जब देश के लिए कुर्बान हुए भगत सिंह
वहीं महेश धकत शहीद दिवस पर जिक्र करते हुए लिखते हैं -
सच्चे सपूत थे माता के,
अपना सुख दुख सब भूल गए
माता की बेड़ी तोड़ने को
हंसते फांसी में झूल गए.