जरा सोचकर देखिए अगर आपके पास 40 लाख रुपये हों तो आप क्या करना चाहेंगे? जाहिर सी बात है इतनी बड़ी रकम से फ्लैट, जेवर या कार खरीद सकते हैं. पर एक शख्स ऐसा है जिसने ये रकम पैड़-पौधों के रख्ारखाव के लिए खर्च कर दी.
आप जानकर हैरान हो जाएंगे कि इसने पर्यावरण संरक्षण, पक्षियों के लिए घोंसले बनाने और लावारिस जानवरों की देख-रेख पर अब तक 40 लाख रुपये से ज्यादा खर्च कर दिए हैं.
लुधियाना से 25 किलोमीटर दूर बसे छोटे से कस्बे सुधार बाजार के कारोबारी शीतल प्रकाश अपने जीवन को पर्यावरण के नाम समर्पित कर चुके हैं. वह सुधार बाजार में मोबाइल फोन और वेस्टर्न यूनियन के कारोबारी हैं और लुधियाना के रायकोट के रहने वाले हैं.
15 साल की उम्र, लेकिन जीत चुका है 15 अवॉर्ड
जहां एक ओर इंसान पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा है तो वहीं शीतल को पर्यावरण से इतना लगाव है कि उन्होंने बंजर जमीन पर किसी सरकारी मदद के बड़े तादाद में पौधे लगाएं. उनका मकसद है चारों तरफ हरियाली फैलाना. वह अब तक 20 हजार से ज्यादा पौधे लगा चुके हैं.
बच्चों की तरह पालते हैं पौधों को
जैसे एक नवजात शिशु को ट्रीट किया जाता है वैसे ही शीतल पौधों की ट्रीट करते हैं. उनका कहना है कि जैसे बच्चों को फूड और पानी समय और मात्रा के हिसाब से दिया जाता है, ठीक वैसे ही पौधों को पानी, खाद, फर्टिलाइजर और कीड़ों से बचाने के लिए दवाईयों की जरूरत होती है.
बंजर जमीन को दिया नया जीवन
पर्यावरण के जुनून को लेकर शीतल ने बंजर जमीन पर भी उम्मीद जगा दी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शीतल ने अकेले ही रायकोट व लुधियाना की कई बंजर जमीनों में अशोका, पीपल, कीकर बेहड़ा, जंट, गुलार, नीम, जेड़, पिलकन, बॉक्स वुड, साइक्स, फाइक्स बोगल बिल, आम, हरड़, गुलमोहर, कचनार के पौधे लगाकर हरियाली में बहार ला दी.
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इस घटना से मिली प्रेरणा
साल 1997 में हुई एक घटना से उन्हें प्रेरणा मिली. शीतल ने एक बार देखा कि धार्मिक संस्था के कुछ लोग उनके क्षेत्र में एक पेड़ काटने के लिए आए, उस वक्त उन्होंने विरोध किया और पेड़ नहीं कटने दिया.
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नहीं की अब तक शादी
आपको जानकर हैरानी होगी कि पर्यावरण संरक्षण के जुनून के चलते शीतल प्रकाश ने शादी तक नहीं की.
इन अवार्ड से नवाजें जा चुके हैं शीतल
2013 में उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए पंजाब सरकार द्वारा स्टेट अवार्ड दिया गया.
2013 में ही उन्हें ग्रीन आइडल पंजाब का सम्मान मिला.
2013 में हेल्थ मिनिस्टर मदन मोहन मित्तल ने आनंदपुर साहिब में शीतल को सम्मानित किया.
2014 में विधानसभा के स्पीकर चरणजीत सिंह अटवाल ने उन्हें सम्मानित किया.
2015 में गवर्नर कप्तान सिंह सोलंकी ने उन्हें चंडीगढ़ में सम्मानित किया.
उन्हें नोबल इंडियन अवार्ड भी मिल चुका है.