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शिक्षा मित्रों की गतिविधि‍यों पर नजर रखने के सरकारी आदेश

उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को शिक्षा मित्रों की आंदोलनात्मक गतिविधियों पर निगाह रखने के निर्देश दिए हैं. ऐसा हाईकोर्ट द्वारा सहायक शिक्षक के पद पर किए गए समायोजन को रद्द करने के बाद उनमें बढ़ते आक्रोश को देखते हुए किया गया है.

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Sikhsa mitra - PM Modi
Sikhsa mitra - PM Modi

उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को शिक्षा मित्रों की आंदोलनात्मक गतिविधियों पर निगाह रखने के निर्देश दिए हैं. ऐसा हाईकोर्ट द्वारा सहायक शिक्षक के पद पर किए गए समायोजन को रद्द करने के बाद उनमें बढ़ते आक्रोश को देखते हुए किया गया है.

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पुलिस महानिरीक्षक ए. सतीश गणेश ने बताया, समायोजन निरस्त होने के बाद शिक्षा मित्रों में व्याप्त आक्रोश को देखते हुए सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को सजग रहने के निर्देश दिए गए हैं.

उन्होंने कहा कि इस संभावना को देखते हुए कि आक्रोशित शिक्षा मित्रों का कोई प्रतिनिधिमंडल 18 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वाराणसी में होने वाले कार्यक्रमों में भी पहुंच सकता है, शिक्षा मित्रों के प्रांतीय पदाधिकारियों से भी सम्पर्क में रहने के निर्देश दिए गए हैं.

उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस अधीक्षकों को सलाह दी गई है कि यदि ऐसा लगे कि बहुत बड़ी संख्या में लोग वाराणसी जाना चाहते हैं, तो उन्‍हें रोका जाए.

गणेश ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न भागों में शिक्षा मित्रों के प्रदर्शन आदि की घटनाओं के मद्देनजर उनकी आंदोलनात्मक गतिविधियों पर कड़ी निगाह रखने की सलाह दी गई है, ताकि रेल अथवा सड़क यातायात में बाधा उत्पन्न ना हो.

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सहायक अध्यापक पद पर समायोजन को रद्द करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्णय के विरोध में शिक्षामित्रों आज भी प्रदेश के विभिन्न प्राथमिक पाठशालाओं में तालाबंदी की और हाथों में काली पट्टी बांधकर जिलाधिकारी तथा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के सामने धरना-प्रदर्शन और नारेबाजी की.

उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ तथा शिक्षामित्र वेलफेयर संघ के पदाधिकारियों ने राष्ट्रपति को संयुक्त रूप से भेजे गए पत्र में कहा है कि प्राथमिक पाठशालाओं में सहायक अध्यापक के पद पर समायोजन के जरिए उन्हें नौकरी मिली थी, जिस पर उनके पूरे परिवार का भरण-पोषण निर्भर था. अब हाईकोर्ट के आदेश के बाद उनका भविष्य अंधकारमय हो गया है, लिहाजा उन्हें इच्छामृत्यु की इजाजत दी जाए.

समायोजन निरस्त होने के कारण प्रदेश के एक लाख 72 हजार शिक्षामित्रों के सामने आजीविका की समस्या खड़ी हो गई है, इसलिए भी कि ज्यादातर शिक्षामित्रों की उम्र सरकारी नौकरी पाने की निर्धारित आयु से ज्यादा हो चुकी है. उल्लेखनीय है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गत शनिवार को राज्य सरकार को तगड़ा झटका देते हुए प्रदेश के एक लाख 72 हजार शिक्षामित्रों का सहायक अध्यापक के पदों पर समायोजन निरस्त करने के आदेश दिए थे. 

इनपुट: भाषा

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