WHO की रिपोर्ट के मुताबिक पर्यावरण में बढ़ता शोर स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है. जानिए आखिर इस बिगड़ते माहौल में क्यों ज़रूरी है मौन?
तनाव कम करता है:
बढ़ता शोर और प्रदूषण तनाव पैदा करता है. इससे निज़ात पाने के लिए शांति या मौन एक ही उपाय है, जो आपके अंदर के तनाव को ख़त्म करता है
मानसिक शक्ति बनाए रखना:
भागदौड़ भरी ज़िंदगी में मानसिक तनाव होना मामूली बात है. लगातार इस मानसिक तनाव की अवस्था से गुज़रने के बाद, कई नकारात्मक बदलाव होते हैं. इससे फैसला लेने की क्षमता, रचनात्मकता और फोकस पर असर पड़ता है. इन हालातों से बचने के लिए शांत और मौन रहना फायदेमंद है. इससे आपकी ऊर्जा बचती है और दोबारा बेहतर करने की ताकत संचित होती है
दिमाग को विस्तार मिलता है:
डिप्रेशन और अल्ज़ाइमर जैसी गंभीर बीमारी में मौन या शांत रहना बेहद अच्छा है. ऐसा करने से दिमाग के उस हिस्से में नए सैल बनते हैं, जो याद्दाश्त, भावनाएं और सीखने से जुड़े होते हैं
बेहतर श्रोता बनाता है:
अगर आपको ध्यान केंद्रित करने में समस्या पैदा हो रही है, तो दिन में सिर्फ 3 मिनट शांत रहना शुरू कर दें. इससे न सिर्फ ऑफिस में बल्कि व्यक्तिगत रिश्तों में सुधार आएगा
मिलेगी मदद:
पेशेवर ज़िंदगी में कंपनियों की उम्मीदें बढ़ गईं हैं इसलिए वो कर्मचारियों को बेहतर माहौल देने की कोशिशें करती हैं. कर्मचारियों को राहत देने के लिए ऑफिसों में ऐसी जगह तैयार की गईं है, ताकि वो कुछ देर आराम कर सकें. काम में व्यस्त रहते हैं तो ऑफिस में थोड़ी देर खुद के लिए वक्त निकालें
भावुकता से परे होना!
कई बार ज़िंदगी में माहौल ज़्यादा भावुक हो जाता है. ऐसे में खुद को संभालने और तार्किक फैसले लेने के लिए ज़रूरी है कि हम खुद शांत रखें. थोड़े वक्त के लिए मौन धारण करें. इससे अस्थिर पलों में भी खुद को स्थिर रखने में मदद मिलती है.
सौजन्य: NEWSFLICKS