मेडिकल में पीजी, यूजी कोर्स में एडमिशन के लिए एक कॉमन एंट्रेंस टेस्ट कराने को लेकर प्रस्ताव कैबिनेट को भेज दिया गया है. इस प्रस्ताव को स्वास्थ्य मंत्रालय से मंजूरी मिल गई है.
जैसे ही कैबिनेट की मंजूरी मिलती है, उसी के साथ देश में केवल एक ही मेडिकल एंट्रेस टेस्ट कराए जाने की शुरुआत हो जाएगी. 2016 में इसी टेस्ट के जरिए मेडिकल कॉलेजों में दाखिले होंगे.
क्या होगा नया नियम :
इस नियम से मेडिकल कॉलेजों में ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सेस के लिए एडमिशन होंगे. इनमें प्राइवेट कॉलेज और डीम्ड यूनिवर्सिटी भी शामिल रहेंगी.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) की इस सिफारिश को स्वीकार कर लिया है. इस संबंध में एक मसौदा प्रस्ताव मंत्रिमंडल के समक्ष पेश किए जाने से पहले इनसे जुड़े मंत्रालयों के बीच भेजा जा चुका है.
एमसीआई ने दी स्वीकृति
एमसीआई ने साझा मेडिकल प्रवेश परीक्षा के प्रस्ताव पर पिछले साल अक्टूबर में अपनी सहमति दे दी थी और मामला मंजूरी के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजा गया था.
2009 में उठा था मुद्दा
मेडिकल छात्रों के लिए कॉमन एंट्रेंस टेस्ट कराने का कदम 2009 में पहली बार उठाया गया था, जब डॉ. केतन देसाई एमसीआई के अध्यक्ष थे. हाईकोर्ट ने जून 2013 में कहा था कि एमबीबीएस, बीडीएस और स्नातकोत्तर मेडिकल पाठ्यक्रमों के लिए साझा प्रवेश परीक्षा अवैध है.