केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने शुक्रवार को इस बात से इंकार किया कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) परिसर में पहली दिसंबर को भाजपा सदस्यों द्वारा प्रस्तावित एक कार्यक्रम के संबंध में विश्वविद्यालय के कुलपति की तरफ से उन्हें किसी तरह का पत्र मिला है. उन्होंने कहा कि गुरुवार रात नौ बजे जब वह कार्यालय से निकलीं, तब तक उन्हें ऐसा कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ था और वह तभी कोई प्रतिक्रिया दे सकती हैं, जब उन्हें पत्र प्राप्त होगा.
ईरानी का बयान मीडिया में आई उन खबरों के बाद आया है, जिसमें कहा गया है कि एएमयू के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल जमीर उद्दीन शाह ने ईरानी को पत्र लिख कर चेताया है कि विश्वविद्यालय परिसर में स्वतंत्रता सेनानी राजा महेंद्र प्रताप का जन्मदिन मनाने की भाजपा की योजना से एक बड़ी अशांति पैदा हो सकती है.
कुलपति ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि परिसर की जमीन राजा महेंद्र प्रताप ने दान में दी थी.
इससे पहले, शाह ने एक समाचार चैनल से कहा कि उन्होंने ईरानी को पत्र लिखा है. शाह ने कहा था, 'कई राजनीतिक पार्टियां उन्माद पर आमादा हैं, और कृपया इस पर विराम लगाइए क्योंकि हम अलीगढ़ में किसी तरह की सांप्रदायिक गड़बड़ी नहीं चाहते.'
उन्होंने कहा, 'राजा महेंद्र प्रताप विश्वविद्यालय के दानदाताओं में एक थे और मैं यह भी स्पष्ट कर दूं कि उन्होंने कोई जमीन विश्वविद्यालय को दान में नहीं दी थी. जमीन लीज पर ली गई थी, जिसके लिए विश्वविद्यालय ने भुगतान किया है। मेरा प्राथमिक लक्ष्य विश्वविद्यालय में कानून-व्यवस्था को बनाए रखना है.'