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पिता चलाते हैं ऑटो, 19 वर्षीय बेटे ने Youtube देखकर बनाई अपनी कार...

मुंबई के एक ऑटोड्राइवर के 19 वर्षीय पुत्र हैं प्रेम ठाकुर, घनघोर गरीबी के आलम में, बिना किसी इंजीनियरिंग डिग्री के भी बना डाली खुद की कार. लोग हैं हैरान...

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Prem Thakur
Prem Thakur

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अमूमन ऐसा होता है कि एक खेतिहर किसान का बेटा अपने पिता को खेती करता देखकर खेती में लग जाता है. एक दिहाड़ी मजदूर का बेटा जवान होते-होते दिहाड़ी खोजने लगता है, लेकिन एक ऑटोचालक के 19 वर्षीय बेटे के बारे में जानकर आप दांतों तले उंगली दबा लेंगे. इस 19 वर्षीय लड़के का नाम प्रेम ठाकुर है और वे हमारी पीढ़ी के हर आम नौजवान की तरह यूट्यूब पर सर्फिंग करने के शौकीन हैं. अब आप सोच रहे होंगे कि इसमें क्या खास है. खास बात यह है कि उन्होंने यूट्यूब सर्फिंग करते-करते खुद की कार बना डाली है.

Do it Yourself तकनीक के वीडियो का लिया सहारा...
गौरतलब है कि यूट्यूब पर ढेरों Do it Yourself वीडियोज हैं. वहां आप टाई बांधना, गिटार बजाना, दीवाली के लिए खुद की लाइटें बनाना से लेकर कार बनाना तक सीख सकते हैं. इसकी सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें सीखने के कोई पैसे नहीं लगते. आप सबकुछ बड़ी आसानी से सीख सकते हैं. अपने फोन में इंटरनेट पैक डलावाएं और वीडियोज का मजा लें. प्रेम ने अपनी 'बग्गी कार' को बनाना यहीं से वीडियोज देखते हुए सीखा है. उन्हें इसे बनाने में कुल 4 माह लगे.

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नहीं है कोई इंजीनियरिंग डिग्री...
हमारे पास ऐसी कई कहानियां व खबरें आती रहती हैं जहां इंजीनियरिंग के छात्र अपनी खुद की कारें और रोबोट डिजाइन करते हैं. उन्होंने बकायदा इस टेकनीक की पढ़ाई की होती है. हालांकि प्रेम का मामला जुदा है. वे कॉमर्स बैकग्राउंड के सामान्य स्टूडेंट रहे हैं और इंजीनियरिंग से कभी कोई वास्ता नहीं रहा है. ऊपर से उनके घर की आर्थिक स्थिति भी उन्हें मदद करने के बजाय रोकती ही रही है.

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पिता हैं ऑटोचालक, घर से लगाया पैसा...
प्रेम के पिता घर-परिवार के खर्चे को चलाने के लिए ऑटो चलाते हैं. इसके बावजूद प्रेम न सिर्फ कार बनाने का सपना देखा बल्कि उसे पूरा करने के लिए तन-मन से जुट गए. इस 'बग्गी कार' को बनाने में 2.5 लाख रुपये का खर्च आया. उनकी मां, दादी मां और पिताजी ने इसमें आर्थिक मदद की. वे कहते हैं कि यदि यूट्यूब और इंटरनेट कनेक्शन न होता तो वे शायद ये सपना भी न देख पाते. इसके अलावा उनके परिवार के सदस्यों का अटूट और अनवरत सहयोग तो है ही. इतना ही नहीं वे आगे चलकर ऑटोमोबाइल इंजीनियर बनने और खुद की कार को रेसिंग ट्रैक पर दौड़ाने का सपना भी संजोए हैं.



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