बात-बेबात बच्चों की पिटाई करने या उन्हें डराने-धमकाने वाले अभिभावक और टीचर अगर अब तक नहीं चेत पाए हों, तो उन्हें अब सतर्क हो जाना चाहिए. अगर नया कानून बन जाता है, जो ऐसे जुर्म पर अधिकतम 5 साल तक की जेल हो सकती है.
कॉलेजों में रैगिंग तो पहले से ही क्राइम है. नया बदलाव यह होने जा रहा है कि अब रैगिंग करने पर अधिकतम तीन साल तक की जेल हो सकती है. अंग्रेजी अखबार 'इंडियन एक्सप्रेस' में इस बारे में रिपोर्ट छपी है.
दरअसल, केंद्र सरकार पुराने जुवेनाइल जस्टिस एक्ट में बदलाव करने जा रही है. सरकार की कोशिश है कि Juvenile Justice (Care and Protection of Children) Bill, 2014 जल्द से जल्द पारित करवाया जाए. नया कानून लागू होने पर बच्चों के साथ-साथ कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों को भी बहुत राहत मिलेगी. बच्चे की पिटाई करने वालों को पांच साल और रैगिंग करने वालों को तीन साल तक की सजा हो सकती है.
बच्चों की पिटाई करने पर जेल का प्रस्ताव रखने के बारे में प्रारूप बिल के बारे में शुक्रवार को ही महिला व बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने लोकसभा को सूचित किया था. एक्ट के नए प्रावधानों के तहत शारीरिक दंड को अपराध माना गया है. अगर केंद्रीय कैबिनेट इस बिल को मंजूर लेती है, तो इसे जल्द ही संसद में पेश किया जा सकता है.
अगर बिल संसद से पारित हो जाता है, तो भारत दुनिया के उन 40 देशों में शुमार हो जाएगा, जहां दैहिक सजा पर पूरी तरह प्रतिबंध है और इसे दण्डनीय अपराध करार दिया गया है.