मराठी मीडियम स्कूलों में अब बच्चों को अंग्रेजी
बोलना सिखाया जाएगा. इसके लिए महाराष्ट्र के
एजुकेशन डिपार्टमेंट ने 10,000 शिक्षकों की ट्रेनिंग
भी शुरू कर दी है.
IIT के बाद अब Delhi University ने कहा, पूरे कपड़े पहनें...
इसके पीछे सरकार का उद्देश्य यह है कि टीचर ट्रेंड
होकर कक्षा में छात्रों से इंग्लिश में बात करें और
कुछ सब्जेक्ट्स अंग्रेजी में ही पढ़ाएं.
स्कूल एजुकेशन डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल सेक्रेटरी नंद
कुमार ने एक अखबार को बताया कि शुरुआत में
हम यह प्रोजेक्ट बस कुछ सौ स्कूलों में ही शुरू
करना चाहते थे. पर रिस्पॉन्स देखकर हमने तय
किया कि इसकी शुरुआत सबसे पहले सभी मराठी
स्कूलों से की जाए. यह कदम बच्चों को स्कूल आने
के लिए प्रेरित करेगा.
IIT-K के प्रोफेसर का दावा, दो दशक बाद फरवरी में चलेगी लू...
उन्होंने कहा कि आज गरीब से गरीब माता-पिता
भी अपने बच्चों को अंग्रेजी सिखाना चाहते हैं.
अंग्रेजी सीखने के लिए ही छात्र मासठी स्कूल
छोड़कर निजी स्कूलों में दाखिला लेना चाहते हैं.
इसलिए हमने तय किया कि हम इस पर काम
करेंगे.
अब स्कूल में छात्र करेंगे कानूनी पढ़ाई
छात्रों को आकर्षित करने में नाकाम हो रहे मराठी स्कूलों के ऊपर अब बंद होने का खतरा मंडरा रहा है. मिडडे मील और बेहद कम फीस होने के बावजूद दाखिलों में 60 फीसदी तक की गिरावट देखी गई है.
गैर सरकारी संस्था प्रजा फाउंडेशन ने दिसंबर 2016 में एक रिपोर्ट जारी की, जिसके अनुसार BMC द्वारा संचालित मराठी मीडियम स्कूलों में छात्रों की संख्या साल 2011-12 के 1,16,086 के मुकाबले साल 2015-16 में 71,454 हो गई है.