भारत सरकार के नए मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सरकार राज्य के अधिकारों में अनावश्यक दखल नहीं देगी. बल्कि, वे उन्हें सहयोगी के तौर पर देख रहे हैं. जावड़ेकर ने कहा कि नई शिक्षा नीति पर सभी के सुझाव 31 जुलाई तक आमंत्रित हैं और तमाम सांसद 15 अगस्त की तारीख तक अपने सुझाव भेज सकते हैं.
सुबह की प्रार्थना पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सुबह-सुबह स्कूलों में प्रार्थना का कोई प्रावधान नहीं है.
नई शिक्षा नीति पर वे संसद में क्या-क्या कहते हैं?
1. पिछली शिक्षा नीति साल 1986 में बनी थी जिसे 1992 में सुधारा गया था. आज देश को आगे ले जाने के लिए अच्छी नीतियों की जरूरत है. वे इसके बाबत देश भर में बहस-मुबाहिसे के बाद शिक्षा नीति का एक बेहतरीन ड्राफ्ट लेकर आए हैं.
2. इसे लेकर देश भर से सुझाव मंगाए गए हैं और यह 31 जुलाई तक जारी रहेंगे. इसके अलावा वे सांसदों से भी 15 अगस्त तक सुझाव मंगाने की बात कह रहे हैं. यह बात उन्होंने उच्च सदन में क्वेश्चन आवर के दौरान कही.
3. इस बीत वे शिक्षा के 'भगवाकरण' पर किए गए सवाल को टाल गए. यह सवाल प्रधान मंत्री की मौजूदगी में कुछ वामपंथी और कांग्रेस के सदस्यों द्वारा उठाया गया.
4. देश की शिक्षा को लेकर वे काफी सजग और चिंतित दिखे और साथ ही उन्होंने कहा कि शिक्षा को राष्ट्रीय मिशन बनाए जाने की जरूरत है.