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स्‍टीफन हॉकिंग की राह पर तुहिन, राष्‍ट्रपति कर चुके हैं सम्‍मानित...

कुछ कर दिखाने का हौसला हो और मन में जीत की जिद हो तो मंजिल पाने से कोई नहीं रोक सकता. कक्षा 10 के छात्र तुहिन ने ये सच कर दिखाया है. जानिए उसकी कहानी...

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तुहिन डे
तुहिन डे

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कुछ कर दिखाने का हौसला हो और मन में जीत की जिद हो तो मंजिल पाने से कोई नहीं रोक सकता. कक्षा 10 के छात्र तुहिन को देखकर ये बात कही जा सकती है. तुहिन पश्चिम बंगाल से है और आईआईटी की तैयारी कर रहा है.

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तुहिन को क्‍या समस्‍या है

सेरीब्रल पाल्सी से ग्रस्त इस बालक के शरीर में ओर्थो ग्रिपोसिस मल्टीप्लेक्स कॉन्जीनेटा विकार है, जिसका मतलब मांसपेशियां इतनी कमजोर हैं कि वो शरीर का भार नहीं उठा सकती. तुहिन न हाथ हिला सकता है और न अपने पैरों पर खड़ा हो सकता है. इसके बावजूद सामान्य विद्यार्थियों के साथ पढ़ता है, मोबाइल और कम्प्यूटर ऑपरेट करता है. कॉपी में लिखता भी है और सामान्य विद्यार्थियों से ज्यादा बेहतर कम्प्यूटर की प्रोग्रामिंग के बारे में भी जानता है. तुहिन का अर्थ बर्फ होता है और यह बालक अपने हौसले की बर्फ को पिघलने नहीं देता.

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क्‍या करना चाहता है तुहिन

इरादा कहें या आदर्श, तुहिन विश्वविख्यात वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिन्स की तरह खुद को विकसित करना चाहता है. एस्ट्रो फिजिक्स में रिसर्च करना चाहता है. वहां तक पहुंचने के लिए ही कोचिंग सिटी कोटा में कोचिंग करने आया है. यहां एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट में एडमिशन लेने के बाद आईआईटी की कोचिंग कर रहा है. तुहिन ने कोटा आने का निर्णय इंटरनेट पर रिसर्च करके लिया है.

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कहां का रहने वाला है, कितनी पढ़ाई की है

तुहिन डे मूलरूप से पश्चिम बंगाल के मिदनापुर का रहने वाला है. कक्षा 9 तक की पढ़ाई आईआईटी खड़गपुर कैम्पस स्थित सेन्ट्रल स्कूल से की. एनटीएसई में भी स्कॉलर बना. अब आईआईटी की तैयारी कर, वापस खड़गपुर आईआईटी से बीटेक करना चाहता है. इसके बाद आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में अध्ययन करना चाहता है, क्योंकि वहां स्टीफन हॉकिन्स से मिल सकता है. एस्ट्रोनोमी में खास रूचि रखने वाला तुहिन कम्प्यूटर साइंस से बीटेक करना चाहता है और इसके लिए कम्प्यूटर पिछले सात साल से पढ़ रहा है. तुहिन सी, सी++, जावा, एचटीएमएल लैंग्वेज में प्रोग्रामिंग सीख रहा है. तुहिन पढाई में हमेशा अव्वल रहा. दसवीं का परिणाम आना अभी शेष है लेकिन उम्मीद है कि 10 सीजीपीए प्राप्त करेगा. तुहिन की इसी प्रतिभा को देखते हुए पश्चिम बंगाल राज्य सरकार ने कई पुरस्कार दिए. इसके अलावा मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा वर्ष 2012 में बेस्ट क्रिएटिव चाइल्ड अवार्ड तथा 2013 में एक्सेप्शनल अचीवमेंट अवार्ड दिया गया. दोनों पुरस्कार राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने तुहिन को दिए हैं.

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नहीं लेता राइटर

हौसले का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि तुहिन सामान्य विद्यार्थियों के साथ ही परीक्षा देता है. बोर्ड नियमों के अनुसार तुहिन चाहे तो राइटर लगा सकता है लेकिन तुहिन खुद मुंह में पैन दबाकर सवालों के जवाब देता है. यही नहीं कोशिश यह रहती है कि दिव्यांग होने के चलते मिलने वाले अतिरिक्त समय का भी उपयोग नहीं किया जाए. ज्यादातर परीक्षाएं सामान्य विद्यार्थियों के साथ ही पूरी कर लेता है. मुंह से ही मोबाइल ऑपरेट कर लेता है, मैसेज से चेटिंग कर लेता है. यही नहीं लैपटॉप भी मुंह से चला लेता है.

 

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