जेएनयू, जामिया और दिल्ली यूनिवर्सिटी के सैकड़ों स्टूडेंट्स यूजीसी के दफ्तर के बाहर नॉन-नेट फेलोशिप को फिर से लागू करने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं. ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आइसा) के बैनर तले कई यूनिवर्सिटीज के स्टूडेंट्स एकजुट हुए हैं.
दरअसल यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) ने एमफिल और पीएचडी स्टूडेंट्स को दी जाने वाली नॉन-नेट फेलोशिप खत्म कर दिया था. स्टूडेंट्स की मांग है कि इससे बड़े पैमाने पर उन स्टूडेंट्स का नुकसान होगा जो गरीब परिवार से आते हैं. यह फेलोशिन उन स्टूडेंट्स को मिलता था, जो नेट क्वालिफाई नहीं थे.
फेलोशिप के तहत एमफिल के छात्रों को हर महीने 5 हजार रुपये और पीएचडी स्टूडेंट्स को 8 हजार रुपये प्रतिमाह मिलते थे. इसी राशि से हजारों स्टूडेंट्स अपना हॉस्टल और खाने-पीने का खर्चा निकालते थे. यूजीसी ने कह दिया है कि अगले सत्र से एमफिल और पीएचडी में दाखिला लेने वाले स्टूडेंट्स को यह राशि नहीं मिलेगी.
AISA के अलावा दूसरे दर्जनों संगठन भी यूजीसी के फैसले के विरोध में हें. दिल्ली यूनिवर्सिटी टीचर एसोसिएशन (DUTA) की मांग है कि जल्द से जल्द इस फैसले को वापस लिया जाए. प्रदर्शन कर रहे कई स्टूडेंट्स को पुलिस ने हिरासत में भी लिया है. जेएनयू के पूर्व अध्यक्ष आशुतोष का कहना है ' जब तक यूजीसी अपने फैसले को वापस नहीं ले लेती है, तब तक यूजीसी में कोई भी काम होने नहीं दिया जाएगा.'