अब यूनाइटेड किंगडम फॉरेन स्टूडेंट्स को वीजा देने में सख्ती से पेश आने वाले है. इस साल नवंबर महीने से इंटरनेशनल स्टूडेंट्स को स्पॉन्सर करने वाली यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में नए नियम- कानून लागू हो जाएंगे जिससे विदेशी स्टूडेंट्स को वीजा हासिल करने में काफी मुश्किलें उठानी पड़ सकती हैं.
ब्रिटेन सरकार के मुताबिक इमिग्रेशन एक्ट का दुरुपयोग होने की वजह से यह कदम उठाया जा रहा है. होम सेक्रेटरी थेरेसा मे का कहना है, 'इमिग्रेशन सिस्टम ब्रिटिश सिटीजन और योग्य छात्रों का ध्यान में रखकर बनाया गया है. लेकिन हर बार यहां कई ऐसे विदेशी छात्र आते हैं जिनका मकसद सही नहीं होता है. ऐसे छात्रों को देश में रहने का कोई हक नहीं है. इसी वजह से सिस्टम में सख्ती से पेश होने की बात सामने आई है.'
थेरेसा ने इस बात को और स्पष्ट करते हुए कहा, 'इमिग्रेशन सिस्टम का दुष्प्रयोग होने पर हम हमेशा इतनी ही सख्ती से पेश आएंगे और यही वजह है कि नवंबर से स्टूडेंट वीजा मिलना कठिन हो जाएगा.
बताया जा रहा है कि इमिग्रेशन एक्ट में किए गए बदलावों के बाद अगर होम ऑफिस इन संस्थानों में एप्लाई करने वाले छात्रों के आवेदन को खारिज करता है तो उस संस्थान का हाइली ट्रस्टेड स्पॉन्सर स्टेटस छीन लिया जाएगा और वे नए विदेशी छात्रों को एडमिशन नहीं दे पाएंगे.
गौरतलब है कि पिछले दो सालों में यूके में विदेशी छात्रों की तादाद कम हुई है और अगर ऐसे में वीजा नियम सख्त हो जाएंगे तो यह संख्या और कम हो जाएगी. विदेशी स्टूडेंट हायर एजुकेशन फंडिग काउंसिल फॉर इंग्लैंड के अनुसार 2010-11 में यहां पढ़ने वाले छात्रों की संख्या 18, 535 थी जो कि 2012-13 में घटकर 10,235 हो गई.
हर साल लंदन में 220 अलग-अलग देशों से 105,000 छात्र पढ़ने आते हैं.