यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) ने एमफिल और पीएचडी स्टूडेंट्स को दी जाने वाली नॉन-नेट फेलोशिप खत्म कर दिया है. स्टूडेंट्स ने यूजीसी और एनडीए के विरोध में इसको लेकर देश के कई कोनों में प्रदर्शन किया. स्टूडेंट्स का मानना है कि यह एक स्टूडेंट विरोधी कदम है.
ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) की प्रेजिडेंट सुचेता डे के मुताबिक, 'यूजीसी का यह कदम उच्च शिक्षा को सामान्य लोगों की पहुंच से बाहर करने वाला कदम है. जैसे ही सरकार इस फैसले पर मुहर लगा देगी, अनुदान में कटौती अनिवार्य हो जाएगी'.
इस फेलोशिप के तहत एमफिल के छात्रों को हर महीने 5 हजार रुपये और पीएचडी स्टूडेंट्स को 8 हजार रुपये प्रतिमाह मिलते हैं. इसी राशि से हजारों स्टूडेंट्स अपना हॉस्टल और खाने-पीने का खर्चा निकालते हैं. यूजीसी ने कह दिया है कि अगले साल से एमफिल और पीएचडी में दाखिला लेने वाले स्टूडेंट्स को यह राशि नहीं मिलेगी.