दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) के छात्रों को अब पीएचडी पूरी करने के लिए चार साल के बजाय साढ़े छह साल का समय मिलेगा और इसमें एडमिशन के लिए एंट्रेंस टेस्ट पास करना होगा.
आपको बता दें कि अभी दिल्ली यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स को चार साल में पीएचडी पूरी करनी होती है. यही नहीं नई व्यवस्था के तहत मूल्यांकन प्रक्रिया के बाद डिग्री दिए जाने की घोषणा के 30 दिनों के अंदर शोधकर्ताओं को अपनी पीएचडी थीसिस की एक सॉफ्ट कॉपी यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) को भी देनी होगी.
यूनिवर्सिटी ने यूजीसी नियमन, 2009 और यूजीसी नियमन, 2010 के अनुसार अपने पीएचडी अध्यादेश में संशोधन किया है. कार्यकारी परिषद की बैठक में यूनिवर्सिटी ने संशोधनों को मंजूरी दी.
कार्यकारी परिषद की सदस्य आभा देव हबीब ने कहा कि पीएचडी थीसिस जमा करने का समय अब पांच साल से बढ़ाकर साढ़े छह साल किया जा सकता है. अपवाद के मामलों पर विचार करने के बाद इस अवधि में बढ़ोत्तरी की जा सकती है.
इससे पहले पीएचडी कार्यक्रमों में एडमिशन की प्रक्रिया हर विभाग में अलग-अलग होती थी लेकिन अब इसके लिए एंट्रेंस एग्जाम को जरूरी बना दिया गया है. हबीब ने कहा कि पीएचडी में जेआरएफ और एमफिल डिग्री वालों के लिए अलग शर्तें तय की जा सकती हैं.
-इनपुट: भाषा