आजाद हिंद फौज के सदस्यों ने पहली बार देश में साल 1944 को 19 मार्च के दिन झंडा फहराया था.
कर्नल शौकत मलिक ने कुछ मणिपुरी और आजाद हिंद के साथियों की मदद से माइरंग में राष्ट्रीय ध्वज फहराया था.
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देश की आजादी के लिए आजाद हिंद फौज का गठन जापान की मदद से सिंगापुर में किया गया था.
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इस फौज में 85000 सैनिक शामिल थे और कैप्टन लक्ष्मी स्वामीनाथन के नेतृत्व वाली महिला यूनिट भी थी.
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आजाद हिंद फौज एक 'आजाद हिंद रेडियो' का इस्तेमाल करती थी, जो लोगों को आजादी की लड़ाई में शामिल होने के लिए प्रेरित करती थी. इस पर अंग्रेजी, हिंदी, मराठी, बंगाली, पंजाबी, पाष्तू और उर्दू में खबरों का प्रसारण होता था.