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IIT की तैयारी छोड़ किया ये काम, अब फोर्ब्स की लिस्ट में है नाम

ओयो रुम्स के फाउंडर रितेश अग्रवाल का नाम फोर्ब्स इंडिया की टायकूंस ऑफ टुमारो में शामिल किया हया है. आइए जानते हैं उनकी कहानी...

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रितेश अग्रवाल (फोटो- फेसबुक)
रितेश अग्रवाल (फोटो- फेसबुक)

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फोर्ब्स इंडिया ने टायकूंस ऑफ टुमारो की लिस्ट जारी कर दी है. इस लिस्ट में ऑयो रूम्स के फाउंडर के फाउंडर रितेश अग्रवाल का नाम भी शामिल है. उन्होंने महज 24 साल की उम्र में ही करोड़ों की कंपनी खड़ी कर दी. ऐसे में जानते हैं रितेश ने कैसे इस कंपनी को शुरू किया और आज वे किस मुकाम पर हैं...

दरअसल रितेश के माता-पिता दरअसल चाहते थे कि वो आईआईटी में दाखिला ले और इंजीनियर बनें. रितेश भी कोटा, राजस्‍थान में रह कर आईआईटी एंट्रेस एग्‍जाम की ही तैयारियों में जुटे थे. लेकिन बाद में उन्‍होंने दिल्‍ली के इंडियन स्‍कूल ऑफ बिजनेस एंड फाइनेंस में एडमिशन लिया था लेकिन अपनी कंपनी शुरू करने के लिए कोर्स को बीच में ही छोड़ दिया.

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हालांकि अपने आइडियाज और वीजन को पूरा होता देखने के लिए रितेश इंतजार नहीं करना चाहते थे. उन्‍होंने IIT की तैयारी छोड़कर अपने बिजनेस की तैयारी शुरू कर दी. 19 साल के रितेश अग्रवाल महीनों घूमते और बजट होटल में रुकते, ताकि वहां की तमाम चीजों के बारे में जान सकें. अपने अनुभव के बल पर रितेश ने अपने पहले स्‍टार्ट-अप यात्रा की शुरुआत की.

रितेश ने एक वेबसाइट तैयार की, जहां वो सस्‍ते और किफायती होटल्‍स के बारे में जानकारी देते थे. इस वेबसाइट का नाम रखा 'ओरावल'. कुछ दिनों तक वेबसाइट चलाने के बाद रितेश को लगा कि लोग शायद नाम के चलते वेबसाइट को समझ नहीं पा रहे हैं. इसलिए उन्‍होंने साल 2013 में उसका नाम बदल कर OYO Rooms कर दिया.

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द न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स की CB Insights ने OYO Rooms को उन कंपनियों में रखा, जो भविष्‍य में सफलता का परचम लहरा सकती हैं. बता दें कि रितेश के OYO Rooms में सॉफ्टबैंक ग्रुप, ग्रीनओक्‍स, सेक्‍यूइया कैपिटल और लाइटस्‍प्रेड इंडिया जैसी कंनियों ने निवेश किया है.

रितेश अग्रवाल को साल 2013 में Thiel Fellowship के '20 अंडर 20' के लिए चुना गया था. फिर उन्‍हें थील फेलोशिप के लिए चुना गया. इस फेलोशिप में 22 साल से कम उम्र के ऐसे ड्रॉपआउट को 1 लाख डॉलर की मदद दी जाती है जो अपना स्‍टार्टअप शुरू करना चाहता है. रितेश ये पाने वाले पहले भारतीय थे.

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उनका कंज्‍यूमर टेक सेक्‍टर में फोर्ब्‍स 30 अंडर 30 में नाम शामिल किया गया. उन्हें TATA First Dot में 2013 के टॉप 50 उद्यमियों में से एक शामिल किया गया और 2014 में TiE-Lumis Entrepreneurial Excellence award मिला. रितेश अच्‍छे लेखक भी हैं. उनकी किताब- ए कंप्‍लीट इन्‍साइक्‍लोपीडिया ऑफ टॉप 100 इंजीनियरिंग कॉलेजेज छपने के कुछ समय बाद ही बेस्‍टसेलर बन गई थी.

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