15 साल का एक लड़का अपने इनोवेशन को लेकर चर्चा में है. इस लड़के ने एक ड्रोन बनाया है, जो कि भारतीय सेना की मदद कर सकता है. इस लड़के का नाम है हर्षवर्धन झाला, जिन्होंने एक ड्रोन बनाया है, जो कि लैंड माइंस के बारे में पता लगा सकता है और उसे निष्क्रिय भी कर सकता है. झाला को बचपन से ही इलेक्ट्रॉनिक्स और टेक्नोलॉजी में काफी इंट्रेस्ट था.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार साल 2009 से 2013 के बीच माइंस से 752 मौते हुई है. हर्षवर्धन को ये ड्रोन बनाने के आइडिया तब आया जब वो टीवी पर एक डॉक्यूमेंट्री देख रहे थे और उन्होंने देखा कि इसे निष्क्रिय करते वक्त कई सैनिक घायल हो जाते हैं. हर्षवर्धन ने 5 लाख के खर्चे से तीन प्रोटोटाइप ड्रोन बनाए हैं. इसमें शुरू के दो ड्रोन के लिए घरवालों ने 2 लाख रुपये दिए थे, जबकि तीसरे ड्रोन के लिए राज्य ने मदद की थी.
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द बेटर इंडिया के अनुसार, ड्रोन में इंफ्रारेड, आरजीबी सेंसर और थर्मल मीटर के साथ 21 मेगापिक्सल कैमरा और मैकनिकल शटर लगा है. यह ड्रोन लैंड माइंस को डिटेक्ट करता है और यह आठ वर्ग मीटर की जगह में जांच करता है जबकि यह दो फीट ऊपर उड़ता है और बेस स्टेशन को सिग्नल भेज देता है. साथ ही यह अपने साथ कुछ वजन भी कैरी कर सकता है.
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वहीं हर्षवर्धन ने 5 करोड़ का एक एमओयू भी गुजरात सरकार के साथ साइन किया था. उनके पिता प्रद्युमन सिंह झाला एक अकाउंटेंट हैं और उनकी मां निशाबा गृहणी है. हालांकि हर्षवर्धन चाहते हैं कि उनके इस प्रोडक्ट का पैटेंट हो जाए और इसे अलग अलग हेड क्वार्टर पर भेजा जाए.