पढ़ाई बीच में छोड़कर कारोबार शुरू करने वाले लोगों के बारे में तो आपने बहुत कुछ सुना होगा. आज हम एक ऐसे शख्स के बारे में बता रहे हैं, जिसने पढ़ाई बीच में छोड़कर अपना काम शुरू किया और उसे नाकामी हासिल हुई, हालांकि बाद में उसने पूरे देश में नाम रोशन कर दिया. हम बात कर रहे हैं कर्नाटक के रहने वाले महेंद्र की, जिन्होंने बिजनेस शुरू किया और नाकाम होने के बाद भी सफलता को हासिल किया.
महेंद्र, कर्नाटक के हासन में कॉफी की खेती से जुड़े परिवार से ताल्लुक रखते हैं. ग्रेजुएशन के दूसरे साल में उन्होंने कॉलेज छोड़ दिया और कॉफी की ट्रेडिंग शुरू कर दी. कॉफी का काम शुरू करने के साथ ही उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा. उन्होंन इस बिजनेस से काफी पैसे कमा लिए थे, लेकिन फसल कटने के कुछ महीनों पहले कॉफी की कीमत निर्धारित होने से उन्हें धंधे में नुकसान हुआ और व्यापार बंद हो गया.
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इस बिजनेस के बारे में महेंद्र कहते हैं कि उस दौरान उनके पास इतना पैसा था कि वो प्रसिद्धी और पैसे को संभालने के लिए तैयार नहीं थे. हालांकि फिर भी महेंद्र हारे नहीं और लगातार आगे बढ़ते रहे. उन्हें घर खर्च चलाने में भी बड़ी दिक्कत होती थी और हालांकि उन्होंने उस दौर को पार किया. उनकी मां ने भी उनका पूरा साथ दिया.
उसके बाद उन्होंने 'हट्टी कप्पी' नाम की एक कॉफी शॉप की शुरुआत की. हट्टी का मतलब है 'ग्रामीण' और कप्पी का अर्थ है 'कॉफी'. हट्टी कप्पी, तेजी से लोकप्रियता हासिल कर रही बेंगलुरु आधारित फिल्टर कॉफी चेन है. हट्टी कप्पी ने 2009 में 30 स्क्वायर फीट के स्टोर से 100 कप प्रतिदिन से शुरूआत की थी और वर्तमान में इस चेन का टर्नओवर 15 करोड़ रुपए का है.
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हाल में यह चेन प्रतिदिन 40 हजार से ज्यादा कप का बिजनस करती है. हाल में इन्फोसिस, विप्रो, टीसीएस, सिस्को और माइक्रोसॉफ्ट जैसे बड़े कॉर्पोरेट ऑफिस और एयरपोर्ट को मिलाकर हट्टी कप्पी के 46 स्टोर खुल चुके हैं. स्टोर में सिर्फ कॉफी ही नहीं साउथ इंडियन स्नैक्स की भी अच्छी वैरायटी मिलती है.