scorecardresearch
 

महाराष्ट्र: राहुल जाधव बने मेयर, कभी ऑटो चलाकर करते थे गुजारा

यह कहानी है महाराष्ट्र के पिंपरी चिंचवाड़ के बीजेपी नेता राहुल जाधव की, जिन्होंने शनिवार को हुए चुनाव में जीत दर्ज की है.

Advertisement
X
प्रतीकात्मक फोटो
प्रतीकात्मक फोटो

Advertisement

अक्सर कहा जाता है पैसे वाला शख्स ही राजनीति में अपनी जगह बना सकता है, लेकिन अब यह तस्वीर बदल रही है. अब एक ऑटो चालक ने मेयर बनकर इस बात को गलत साबित कर दिया है. दरअसल राहुल जाधव जिस शहर की गलियों में रिक्शा चलाते थे अब वह उसी शहर के महापौर (मेयर) चुने गए हैं.

राहल जाधव ने भारतीय जनता पार्टी की ओर से चुनाव लड़ा था और उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के उम्मीदवार को मात दी है. पिंपरी चिंचवाड़ के मेयर बनने वाले राहुल का इस पद पर पहुंचने तक का सफर काफी मुश्किल था. उन्होंने 10वीं तक पढ़ाई की और परिवारी की आर्थिक हालात ठीक होने के बाद काम करने गए. उन्होंने 1996-2003 के बीच ऑटो चलाया और उसके बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा.

Advertisement

खुद से पढ़ाई पर नहीं खर्चा 1 रुपया, जानें- कैसे ये शख्स बना IAS ऑफिसर

अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत में वह महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के साथ जुड़ गए. इसके बाद राजीनीतिक क्षेत्र में वे आगे बढ़ते रहे और काफी लोकप्रिय हो गए. उन्होंने मनसे की ओर से महानगर पालिका का चुनाव लड़ा और नगर सेवक बने. हालांकि बाद में उन्होंने 2017 में बीजेपी ज्वाइन कर ली. महापौर नितिन कालजे के इस्तीफा देने के बाद बीजेपी ने उन पर विश्वास जताया और चुनाव में अपना प्रतिनिधि बनाया.

मिलिए- मेहविश से, श्रीनगर की खुली वादियों में चलाती हैं कैफे

इस चुनाव में राहुल ने जीत दर्ज कर महापौर की सीट पर कब्जा कर लिया. रिपोर्ट्स के अनुसार मेयर का यह पद ओबीसी के लिए आरक्षित है और उन्हें चुनाव में 80 वोट मिले और यह एनसीपी उम्मीदवार विनोद नाधे से 33 ज्यादा थे. इस दौरान बीजेपी और एनसीपी के तीन पार्षद नदारद रहे. वहीं पांच निर्दलीय पार्षदों ने जाधव के पक्ष में वोट डाले.

Advertisement
Advertisement