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अपना ज्यादातर समय यूनिवर्सिटी में बिताएं: करन बिलिमोरिया

बर्मिंघम यूनिवर्सिटी के नए चांसलर के रूप में अपनी जिम्मेदारियों के बारे में बता रहे हैं लॉर्ड बिलिमोरिया. जानें सोनाली आचार्जी से

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करन फरीदून बिलिमोरिया, लॉर्ड बिलिमोरिया
करन फरीदून बिलिमोरिया, लॉर्ड बिलिमोरिया

उस्मानिया यूनिवर्सिटी (हैदराबाद) से 1981 में अपनी बैचलर ऑफ कॉमर्स की डिग्री पूरी करने के बाद करन बिलिमोरिया (लॉर्ड बिलिमोरिया) लंदन चले गए. वहां पर वे चार्टर्ड एकाउंटेंट बन गए. इसके बाद वे कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के सिडनी ससेक्स कॉलेज से पढ़ाई करने गए और 1988 में ग्रेजुएट हुए.

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बिजनेस और आंट्रप्रेन्योरशिप में उनकी सेवाओं को देखते हुए उन्हें 2004 में कमांडर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर (सीबीई) और 2006 में हाउस ऑफ लॉड्रर्स में इंडीपेंडेंट क्रॉसबेंच पीअर नियुक्त किया गया. उन्हें रॉयल बरो ऑफ केनसिंगटन ऐंड चेलसी में बैरन बिलिमोरिया ऑफ चेलेसी बनाया गया. इस तरह वे हाउस ऑफ लॉड्रर्स में बैठने वाले पहले जोरास्ट्रियन पारसी बने. पार्लियामेंट में लॉर्ड बिलिमोरिया कॉमर्स, आंट्रप्रेन्योरशिप, एजुकेशन, डिप्लोमेसी, अल्पसंख्यकों के योगदान और एकेडमिया जैसे कई व्यापक मामलों में सक्रिय रहे. सदन में अकसर दिए जाने वाले अपने भाषणों में उन्होंने इमिग्रेशन पॉलिसी में सुधार की वकालत की ताकि ब्राइटेस्ट और बेस्ट टैलेंट को यूनाइटेड किंगडम आने का मौका मिले और वे अपने स्किल तथा बिजनेस प्लान को डेवलप कर सकें.

2013 में उन्होंने जोरास्ट्रियन ऑल पार्टी पार्लियामेंटरी ग्रुप की स्थापना की जिसका उद्देश्य इस प्राचीन धर्म के बारे में सांसदों में जागरुकता बढ़ाना था. लॉर्ड बिलिमोरिया सबसे ज्यादा अपने कोबरा बीयर की वजह से जाने जाते हैं.

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फिलहाल वे कोबरा बीयर पार्टनरशिप लिमिटेड और मॉलसन कूर्स कोबरा इंडिया के चेयरमैन हैं. वे यूके इंडिया बिजनेस काउंसिल के फाउंडिग चेयरमैन भी हैं. पिछले महीने एजुकेशन के क्षेत्र में उनका उस समय औपचारिक प्रवेश हुआ जब उन्हें बर्मिंघम यूनिवर्सिटी का चांसलर बनाया गया. बिलिमोरिया इंग्लैंड के रसेल ग्रुप की किसी यूनिवर्सिटी के भारत में जन्मे पहले चांसलर बने हैं. यूनिवर्सिटी के बिजनेस स्कूल के एडवाइजरी बोर्ड के सदस्य रह चुके बिलिमोरिया अब चांसलर के रूप में अपनी ड्यूटी और एंबेसेडर संबंधी भूमिका के लिए तैयार हैं जबकि वे बिजनेस स्कूल के साथ भी काम करते रहेंगे.

नई भूमिका
बर्मिंघम यूनिवर्सिटी में 30,000 से ज्यादा स्टुडेंट पढ़ते हैं और द टाइम्स तथा संडे टाइम्स ने इसे 2013-14 की ' यूनिवर्सिटी ऑफ द ईयर’ की रैंकिंग दी है. मेडिसिन से लेकर लॉ और ह्यूमेनिटीज तक यह इंस्टीट्यूट लंबे समय से सभी डिसिप्लिन में क्वालिटी की अपनी प्रतिबद्धता के लिए जाना जाता है. लॉर्ड बिलिमोरिया कहते हैं, ''इस 114 साल पुरानी ग्रैंड यूनिवर्सिटी का सातवां चांसलर चुना जाना मेरे लिए सम्मान की बात है. मेरी मां, मामा और नाना ने इसी यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया है, इसलिए यह मेरे लिए एक विशेष मौका है. मेरा मानना है कि बिजनेस, इंडस्ट्री और यूनिवर्सिटी के बीच परस्पर फायदे वाले संपर्क बनाए रखने की काफी संभावना है. मैं आगे इस बात की संभावना भी देख रहा हूं कि यूनिवर्सिटी अपनी इंटरनेशनल पार्टनरशिप और कॉस्मोपॉलिटन कल्चर को और बढ़ाए. हमारे कैंपस में पहले से ही 150 विभिन्न देशों के 4,000 से ज्यादा स्टुडेंट हैं, यह संख्या अभी और बढऩे वाली है.”

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स्टुडेंट लाइफ
उन्होंने कहा, '' यूनिवर्सिटी में नेटवर्किंग, एकेडमिक और पर्सनल ग्रोथ के बहुत से मौके मिलते हैं. यह ऐसा समय होता है जब आप जीवन भर के लिए फ्रेंड बन सकते हैं, मेंटरशिप हासिल कर सकते हैं, नए विषयों को एक्सप्लोर कर सकते हैं, कम्युनिटी प्रोजेक्ट्स से जुड़ सकते हैं और कुल मिलाकर जबरदस्त समय बिता सकते हैं. बर्मिंघम जैसे शहर काफी आगे बढ़कर यह सुनिश्चित करते हैं कि उनके यहां कदम रखते ही हर स्टुडेंट को पर्याप्त सपोर्ट हासिल हो सके. मेरी सलाह यह होगी कि अपना ज्यादातर समय यूनिवॢसटी में बिताएं और विभिन्न उपलब्ध मौकों का भरपूर फायदा उठाएं.”

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