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DU की गलती, सुषमा स्वराज के नाम के आगे लिखा सुश्री, लोगों ने दी सीख

 दिल्ली यूनिवर्सिटी ने अपने ऑफिशियल सोशल मीडिया पेज से ये तस्वीर साझा की है. तस्वीर पर लोगों ने दी क्या सीख, पढ़ें...

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डीयू ने साझा की थी ये पोस्ट
डीयू ने साझा की थी ये पोस्ट

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पूर्व विदेश मंत्री और BJP की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज का मंगलवार रात दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. पूरा देश उनके गम में डूबा है, हर कोई उन्हें अंतिम विदाई दे रहा है. इस वक्त राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार हो रहा है.

इसी बीच कुछ घंटे पहले दिल्ली यूनिवर्सिटी ने अपने ऑफिशियल सोशल मीडिया पेज से ये तस्वीर साझा की है. श्रद्धांजलि के लिए साझा की गई इस तस्वीर में सुषमा स्वराज के नाम के आगे श्रीमती के बजाय सुश्री लिखा हुआ था. बता दें, सुश्री का संबोधन अविवाहित महिलाओं के लिए होता है. उनके नाम के साथ सुश्री लिखा देखकर वहां लोग श्रद्धांजलि के साथ साथ डीयू की गलती बताने लगे. देश की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी जहां दाखिले के लिए हाई कट ऑफ रहती है.

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यहां एक यूजर आशुतोष सिंह ने लिखा है कि देश की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी जहां दाखिले के लिए हाई कट ऑफ रहती है. यहां देश के टॉपर भी एडमिशन लेने का सपना देखते हैं. यही यूनिवर्सिटी अगर इस तरह की गलतियां करती हैं तो ये अक्षम्य होना चाहिए. इसी तरह एक यूजर असीम के लिखे कमेंट के साथ स्क्रीनशॉट यूनिवर्सिटी के तमाम ग्रुप्स में लोग साझा कर रहे हैं. उनके कमेंट में लिखा है कि कुँवारी नहीं थीं वे, कृपया ’श्रीमती’ लिखें, सुश्री नहीं. एक यूजर सक्षम ने लिखा है कि डीयू ने साझा करते वक्त ये भी चेक नहीं किया कि वो मैरीड थीं. इसी तरह तमाम  यूजर्स ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए याद भी किया है.

बता दें, वो 67 साल की थीं. उनकी शादी जाने माने क्रिमिनल लॉयर स्वराज कौशल से हुई थी. सुषमा स्वराज को रात करीब साढ़े नौ बजे एम्स लाया गया, उन्हें यहां सीधे आपातकालीन वॉर्ड में ले जाया गया. डॉक्टरों ने बताया कि दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर ट्वीट करते हुए लिखा कि भारतीय राजनीति में एक गौरवशाली अध्याय का अंत हो गया, भारत एक असाधारण नेता के निधन से शोकसंतप्त है, जिन्होंने जनसेवा और निर्धनों के जीवन में सुधार के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया.  सुषमा जी अपने आप में अलग थीं और करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणास्रोत थीं.

 बुधवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ सुषमा स्वराज का पार्थिव शरीर लोधी रोड लाया गया. यहां उनके पति के अलावा बेटी बांसुरी स्वराज और देश की जानी मानीं हस्तियां मौजूद थीं. सबसे पहले उनका पार्थिव शरीर बीजेपी ऑफिस लाया गया था.

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भाजपा की वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज लंबे समय से बीमार चल रही थीं. इसी वजह से उन्होंने 2019 में लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा था. बुधवार को सुबह उनके आवास पर सुषमा स्वराज के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन करने के लिए हजारों प्रशंसकों की भीड़ जुटी थी. वो अटल अडवाड़ी के बाद दूसरी कतार की सबसे बड़ी नेता थीं. बीजेपी में उनकी एक कद्दावर नेता के तौर पर छवि रही है. उनका जन्म 14 फरवरी 1952 को हुआ था. वो लंबे समय से किडनी की समस्या के चलते घर पर आराम कर रही थीं.

शाम तक ट्रोल होने के बाद बदली तस्वीर

स्टूडेंट्स द्वारा ट्रोल होने के बाद शाम करीब पांच बजे दिल्ली विश्वविद्यालय ने वो तस्वीर बदल दी. डीयू की वेबसाई पर सुश्री की जगह श्रीमती कर दिया गया.

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