वैसे तो भारत की भूमि पर समय-समय पर कई प्रसिद्ध संत-महंत हुए हैं लेकिन चिन्मय मिशन की शुरुआत करने वाले आध्यात्मिक गुरू चिन्मयानंद सरस्वती की बात ही कुछ और थी. उनका निधन साल 1993 में 3 अगस्त के रोज हुआ था.
1. उन्होंने साल 1953 में चिन्मय मिशन की नींव रखी, जो समाजसेवा और वेदांत के लिए काम करने वाला एनजीओ है.
2. केरल में एक सम्मानीय न्यायाधीश के घर पैदा हुए, जहां उनका नाम बालकृष्ण मेनन रखा गया.
3. साल 1942 में वो कॉलेज के दिनों में ही आजादी के आंदोलन में कूद गए थे.
4. उन्होंने 95 पुस्तकें लिखी हैं, जिनमें उपनिषद और भगवद गीता पर टिप्पणियां भी शामिल हैं.
5. 1947 में ऋषिकेश में स्वामी शिवानंद से मिले जिन्होंने उनका जीवन बदल दिया. उन्होंने संन्यास लिया और स्वामी चिन्मयानंद बन गए.
6. साल 1992 में उन्हें हिंदू ऑफ द ईयर और हिंदू रेनसेंस अवॉर्ड से नवाजा गया.