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पेरियर की विचारधारा से प्रेरित कॉलेज, सवाल पूछ लिया जाति पर, तमिलनाडु में मचा बवाल

तमिलनाडु में इस समय एक प्रश्न पत्र को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. जाति से जुड़ा एक सवाल पूछा गया है, जिस वजह से सोशल मीडिया पर लोग कॉलेज की आलोचना कर रहे हैं.

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तमिलनाडु में छात्रों से पूछा गया जाति से जुड़ा सवाल (प्रतीकात्मक तस्वीर)
तमिलनाडु में छात्रों से पूछा गया जाति से जुड़ा सवाल (प्रतीकात्मक तस्वीर)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • जाति व्यवस्था में विश्वास नहीं रखते थे पेरियर
  • पूरी जिंदगी जाति उन्मूलन के लिए लड़ाई लड़ी थी

तमिलनाडु में सलेम के पेरियार विश्वविद्यालय में छात्रों से परीक्षा में एक विवादित सवाल पूछ लिया गया है. उस सवाल की वजह से सोशल मीडिया पर विश्वविद्यालय की जमकर आलोचना की जा रही है. ये सवाल जाति से जुड़ा हुआ था और विश्वविद्यालय महान विचारक पेरियर के विचारों से प्रेरित. इसी वजह से ये विवाद खड़ा हो गया और कॉलेज पर भी सवाल दागे जाने लगे.

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जानकारी के लिए बता दें कि दूसरे सेमेस्टर में एमए इतिहास परीक्षा के पेपर में छात्रों से जाति से जुड़ा सवाल पूछा गया. सवाल था- इनमें से कौन सी जाति तमिलनाडु में निचली मानी जाती है? बकायदा चार विकल्प भी छात्रों दिए गए जिसमें अलग-अलग जातियों के नाम लिखे थे.

लेकिन अब ये सवाल सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, सवाल उठने लगे हैं कि किसी भी परीक्षा में छात्रों से जाति से जुड़ा ऐसा सवाल कैसे पूछा जा सकता है. सवाल तो ये भी है कि जो परियर हमेशा से जाति परंपरा को तोड़ने में विश्वास रखते थे, जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी जाति उन्मूलन के लिए लड़ाई लड़ी थी, उन्हीं के विचारों से प्रेरित कॉलेज में जाति से जुड़ा सवाल पूछा गया.

इस पूरे विवाद पर विश्वविद्यालय के वीसी R Jagannathan ने प्रतिक्रिया दी है. उनके मुताबिक परीक्षा पेपर उनके द्वारा नहीं बनाए जाते हैं. वे कहते हैं कि प्रश्न पत्र हमारे द्वारा नहीं बनाए जाते हैं. दूसरी यूनिवर्सिटी द्वारा पेपर बनवाए जाते हैं. वहीं पेपर लीक ना हो जाएं, इसलिए हम लोग परीक्षा से पहले कभी भी प्रश्न पत्र नहीं पढ़ते. लेकिन फिर भी हम इस मामले की जांच करेंगे. कोशिश करेंगे कि दोबारा परीक्षा करवाई जाए.

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खबर तो ये भी आई है कि विश्वविद्यालय द्वारा पूरे मामले की जांच करने के लिए एक कमेटी का गठन कर दिया गाय है. उस जांच में जो भी सामने आएगा, उसी के मुताबिक कोई कार्रवाई की जाएगी. अभी के लिए तो पेरियार विश्वविद्यालय विवादों में आ गया है. सफाई जरूर दी जा रही है, लेकिन जैसी तमिलनाडु की राजनीति है, यहां पर जाति वाले मुद्दे तुरंत ही तूल पकड़ लेते हैं और बड़ा बवाल खड़ा हो जाता है.

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