छात्रों समाज की तस्वीर होते हैं, लेकिन उन तस्वीरों की रूप-रेखा तैयार करने वाले शिक्षकों की मेहनत को नकारा नहीं जा सकता. छात्रों को नई दिशा देना और उनके जीवन को एक उद्देश्य देने का काम एक शिक्षक ही करता है. अपने गुरु द्रोणाचार्य का मान रखने के लिए एकलव्य ने अपना अंगूठा काटकर दे दिया था. लेकिन क्या आज के जमाने में ऐसे शिक्षक और छात्र देखने को मिलते हैं?
तमिलनाडु में एक ऐसी ही शिक्षिका हैं, जिन्होंने छात्रों की खातिर अपनी ज्वेलरी बेच दी. तमिलनाडु के सरकारी स्कूल पंचायत यूनियन प्राइमरी स्कूल में क्लास 3 के बच्चों को पढ़ाने वाली अन्नपूर्णा मोहन ने अपने छात्रों को वैश्विक स्तर की सुविधा देने के लिए अपने गहने तक बेच दिए.
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इंडिया टुडे से बातचीत करते हुए अन्नपूर्णा ने कहा कि मुझे वाकई खुशी महसूस हो रही है कि लोग मेरी पहल की सराहना कर रहे हैं. जब मैंने स्कूल ज्वाइन किया था तब बच्चे अंग्रेजी नहीं बोल पाते थे. 5 साल के दौरान मैंने बच्चों की जरूरतों को समझा और उनके परफॉर्मेंस को अनालाइज करना शुरू किया.
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अन्नपूर्णा को धीरे-धीरे यह बात समझ आ गई कि उनके बच्चों में टैलेंट की कमी नहीं है, पर अंग्रेजी आड़े आ रही है. इसलिए उन्होंने बच्चों की इस कमी को दूर करने के लिए पूरे क्लासरूम को मॉडर्न क्लारूम में बदल दिया. इसके लिए उन्हें पैसे की जरूरत थी, इसलिए उन्होंने अपने गहने बेच दिए.
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आज अन्नपूर्णा के छात्र बेहतर उच्चारण के साथ अंग्रेजी बोल सकते हैं. अन्नपूर्णा कहती हैं कि तकनीक की मदद से हम बच्चों को बेहतर सीखने का मौका दे सकते हैं. कक्षाओं को बेहतर तकनीक के साथ जोड़ना चाहिए.
अन्नपूर्णा मानती हैं कि बच्चों की खुशी और उनका जीवन संवारने के आगे गहनों की सुंदरता कुछ भी नहीं है.