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जारी रहेगा सरकारी स्कूलों के टीचर्स का प्रदर्शन, प्रभावित होगी पढ़ाई

दिल्ली में सरकारी स्कूल के शिक्षक की चाकू से छात्र द्वारा हुई हत्या के बाद, दिल्ली के सरकारी स्कूलों के हजारों शिक्षकों में उबाल आ गया, सुबह से ही शिक्षकों का हुजूम निकल पड़ा.

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प्रदर्शन करते शिक्षक
प्रदर्शन करते शिक्षक

दिल्ली में सरकारी स्कूल के शिक्षक की चाकू से छात्र द्वारा हुई हत्या के बाद, दिल्ली के सरकारी स्कूलों के हजारों शिक्षकों में उबाल आ गया, सुबह से ही शिक्षकों का हुजूम निकल पड़ा, जिस स्कूल में यह घटना हुई वहां से 500 मीटर दूर नांगलोई में रोहतक मेन रोड पर शिक्षक भड़क उठे, शिक्षकों ने दोनों ओर की रोड जाम कर दी और सड़क पर ही बैठ गए.

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जमकर हुई नारेबाजी दिल्ली सरकार को कोसा
शिक्षकों के इस आक्रामक प्रदर्शन के निशाने पर रही दिल्ली सरकार, शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ तो जमकर नारेबाजी हुई बड़ी तादाद में शिक्षकों ने रोड ब्लॉक करते हुए तेज आवाज में नारेबाजी की शिक्षकों का कहना है कि मनीष सिसोदिया ने जबसे शिक्षा विभाग संभाला है सबसे ऐसी तमाम योजनाए बनी है जिन को लेकर शिक्षक दबान में है और जिन्हें पूरा करना लगभग असंभव है

5 करोड़ का मुआवजा मांगा
गवर्नमेंट स्कूल टीचर्स एसोसिएशन यानी जीएसटीए ने इस प्रदर्शन को लीड किया, एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मांग रखी की मृतक शिक्षक के परिवार को 5 करोड़ का मुआवजा दिया जाए, परिवार में किसी एक को सरकारी नौकरी दी जाए, स्कूल का नाम शिक्षक के नाम रखा जाए और शिक्षकों की सुरक्षा का इंतजाम किया जाए.

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महिला शिक्षकों ने कहा कि स्कूल जाने में लगता है डर
इस प्रदर्शन में शामिल हुई सैकड़ों की तादात में महिला शिक्षकों में से कई ने कहा इस घटना के बाद अब उन्हें स्कूल में जाने से डर लगने लगा है इनका कहना है कि वह स्कूल जाते जाती तो है लेकिन वापस सही सलामत आ पाएंगे इस बात की गारंटी कौन देगा महिला शिक्षकों ने इसके पीछे परिवार की परवरिश को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि बच्चे स्कूल के पास तो 8 घंटे रहते हैं लेकिन बाकी 16 घंटे अपने परिवार के साथ रहते हैं ऐसी मैं घर की परवरिश का बच्चों के व्यवहार पर बड़ा असर पड़ता है.

प्रदर्शन नहीं थमेगा
सरकारी स्कूल शिक्षक संघ का कहना है कि इस घटना के बाद भले ही दिल्ली सरकार ने 1 करोड रुपये मुआवजे का ऐलान कर दिया हो लेकिन उनका यह प्रदर्शन तब तक नहीं थमेगा. जब तक दिल्ली में पढ़ाने वाले प्रत्येक शिक्षक की सुरक्षा के लिए नीतियां नहीं बन जाती हैं यही वजह है कि बुधवार को भी शिक्षक संघ दिल्ली में प्रदर्शन करने वाला है.

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