व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में नामांकन को लेकर आंध्र प्रदेश से तकरार के बीच तेलंगाना ने शनिवार को तेलंगाना राज्य उच्च शिक्षा परिषद (TSCHE) का गठन किया. आंध्र प्रदेश राज्य उच्च शिक्षा परिषद (APSCHE) अधिनियम, 1988 को बदलने के लिए सरकार ने एक आदेश जारी किया है.
आदेश में कहा गया है कि आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2014 के तहत संयुक्त आंध्र प्रदेश द्वारा बनाए गए किसी भी नियम में फेरबदल करने का अधिकार तेलंगाना को है.
आदेश जारी करने वाले उच्च शिक्षा विभाग में उस्मानिया विश्वविद्यालय, काकतिया विश्वविद्यालय, जवाहरलाल नेहरू प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, तेलंगाना विश्वविद्यालय, महात्मा गांधी विश्वविद्यालय, पलामुरू विश्वविद्यालय और सतावहाना विश्वविद्यालय के कुलपतियों को परिषद का सदस्य नियुक्त किया गया है.
परिषद के गठन का उद्देश्य APSCHE द्वारा छात्रों को तेलंगाना के इंजीनियरिंग कॉलेजों में नामांकन पर कोई कदम उठाने से रोकना है.
APSCHE पहले ही दोनों राज्यों के इंजीनियरिंग कॉलेजों में नामांकन की अधिसूचना जारी कर चुका है, साथ ही सात अगस्त से प्रमाण पत्रों के सत्यापन की घोषणा भी कर चुका है. हालांकि तेलंगाना सरकार ने तेलंगाना के छात्रों से इसपर ध्यान न देने को कहा है.
APSCHE ने दावा किया है कि दोनों राज्यों में नामांकन के लिए वही सक्षम प्राधिकारी है. लेकिन तेलंगाना सरकार ने कहा है कि वह APSCHE के आदेशों से बंधा हुआ नहीं है.
नवगठित राज्य ने राज्य के मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में नामांकन प्रक्रिया को अक्टूबर तक बढ़ाने की अनुमति के लिए सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर कर रखी है, जिस पर सोमवार को सुनवाई होगी.
तेलंगाना ने आंध्र प्रदेश के उस प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया है, जिसमें आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन.चंद्रबाबू नायडू ने हैदराबाद में पढ़ने वाले आंध्र प्रदेश के छात्रों की फीस का 58 फीसदी हिस्सा देने को कहा था. तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने यह स्पष्ट किया कि राज्य केवल तेलंगाना के छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करेगा.