थाईलैंड का जिक्र आते ही हमारे दिलो-दिमाग में बैंकॉक की गगनचुम्बी इमारतें, हाथियों के झुंड और खूबसूरत समुद्री तटों की तस्वीरें उभरती हैं. हालांकि इस फैक्ट से कम ही लोग वाकिफ होंगे कि थाईलैंड में लोकतांत्रिक सरकार होने के बजाय सम्राट का शासन है.
राजा भूमिबोल अदुल्यादेज थाईलैंड की राजसत्ता को पिछले 70 वर्षों से संभाल रहे थे. यह आजाद भारत की कुल उम्र के आसपास है. उन्होंने थाईलैंड का राजकाज दूसरे विश्व युद्ध के बाद थामा था. वे 88 साल की उम्र में 13 अक्टूबर, 2016 को दुनिया से रुखसत हो गए. वे लंबे समय से बीमारी की वजह से आम जनता की नजरों से भी दूर थे. उनकी मौत की वजह से थाईलैंड के राजनीतिक मिजाज में भी बदलाव के आसार हैं.
उनकी मौत के बाद शुक्रवार 14 अक्टूबर के रोज सार्वजनिक अवकाश के अलावा पूरे थाईलैंड में एक माह का राजकीय शोक घोषित किया गया है. थाईलैंड की जनता उन्हें पितृतुल्य मानती थी. ऐसे में जानें कि वे क्या थे और थाईलैंड की राजनीति और सत्ता में उनकी क्या अहमियत थी.
1. सम्राट भूमिबोल अदुल्यादेज का जन्म कैम्ब्रिज, अमेरिका में हुआ था. उन्होंने स्विटजरलैंड से इंजीनियरिंग की डिग्री की थी. उनके दादाजी ने थाईलैंड को एक परफेक्ट टूरिस्ट डेस्टिनेशन के तौर पर स्थापित करने का काम किया. उन्हें हमेशा से ही शांति का प्रतीक माना जाता रहा.
2. थाईलैंड दक्षिणपूर्वी एशियाई देशों के बीच इकलौता ऐसा देश है जो कभी भी यूरोपीय शासन के अधीन नहीं रहा. थाई भाषा में थाईलैंड का शाब्दिक अर्थ 'प्राथेट थाई' होता है. जिसका मतलब 'स्वतंत्र' होना है.
3. थाईलैंड में राजा को देवता के समकक्ष माना जाता है. यहां सम्राट की निंदा करने पर जेल भी हो सकती है. हॉलीवुड की मशहूर फिल्म "The King and I" थाईलैंड में रिलीज नहीं किया गया. वहां ऐसा माना जाता है कि इस फिल्म में राजा की संस्था का अपमान किया गया है.
4. थाईलैंड में राष्ट्रीय झंडे के साथ-साथ राजकीय झंडा भी फहराया जाता है. यह झंडे सुबह 8 बजे फहराए और शाम 6 बजे उतार लिए जाते हैं.
5. दुनिया के वे तमाम देश जहां सम्राट का शासन है की तुलना में थाईलैंड को सबसे अच्छा और सुरक्षित माना जाता है. यहां हर साल पूरी दुनिया से 60 लाख से अधिक टूरिस्ट आते हैं. साथ ही यह संख्या लगातार बढ़ ही रही है. यहां के लोग हमेशा मुस्कुराते हुए ही पाए जाते हैं. इसमें सम्राट भूमिबोल की भूमिका को भी अहम माना जाता है.
6. उन्हें थाईलैंड को एक कृषि आधारित इकोनॉमी से निकाल कर व्यापार और टूरिज्म पर आधारित इकोनॉमी बनाने का भी श्रेय जाता है. उन्होंने थाईलैंड के मध्यमवर्ग को भी मजबूती दी है. इसके अलावा उन्होंने सत्तापलट के कई प्रयासों को भी नाकाम किया.
7. सम्राट को थाईलैंड की अधिकांश जनता किसी देवता के तौर पर पूजती रही है. उनकी तस्वीरें देश भर में अलग-अलग जगहों पर देखी जा सकती है. वहां की दुकानों और रेस्टूरेंट्स में उनकी तस्वीरें देखी जा सकती हैं. आज भी राजकीय एंथम के बजने पर थाईलैंड का यातायात रोक दिया जाता है. इसके अलावा सिनेमाघरों में फिल्मों की शुरुआत से पहले भी राष्ट्रीय एंथम बजाया जाता है.
8. थाईलैंड के सम्राट को म्यूजिक के साथ-साथ फोटोग्राफी का भी खासा शौक था. वे जैज म्यूजिक सुनने के अलावा सैक्साफोन बजाया करते थे. उन्हें ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीरें भी बहुत भाती थीं.
9. स्विटजरलैंड में पढ़ाई के दौरान ही वे मौम राजावोंगसे सिरिकिट से मिले. राजावोंगसे फ्रांस में थाई एंबेसडर की बेटी थीं. एक सड़क दुर्घटना में घायल होने पर राजावोंगसे उनकी सेवा में लगी रहीं. यहीं से वे एक-दूसरे के नजदीक आए. उनसे सम्राट को चार बच्चे हुए. तीन लड़कियां और एक लड़का. यही लड़का भूमिबोल के बाद थाईलैंड की राजसी सत्ता का वारिस है.
10. उनकी मृत्यु के बाद BBC और CNN जैसे विदेशी सैटेलाइट चैनलों ने भी अपने पर्दे को ब्लैक एंड व्हाइट कर शोक जताया. उनकी मौत के बाद क्राउन प्रिंस वजिरालोंगकोर्न थाईलैंड की राजसी सत्ता का पदभार संभालेंगे.