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जेल से लिया जिंदगी का सबक आज बना बेसहारों का सहारा

जो करता था चोरी वो आज भरता है बेसहारा लोगों का पेट. जानें कैसे एक चोर बना गरीबों का मसीहा.

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Tea Raja (photo: your story)
Tea Raja (photo: your story)

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कोई सोच सकता है जो दूसरों के घर चोरी करेगा वो इंसान बेसहारा लोगों को खाना भी खिला सकता है. लेकिन दिल को पिघला देने वाली ऐसी ही एक कहानी है 'टी राजा' की. वो उन लाचार लोगों के लिए मसीहा बन कर आएं जिन्हें शायद हम सब देख कर इग्नोर कर देते है.

 कहानीे नेकदिल इंसान की

बचपन में टी राजा घर में छोटी सी चोरी होने के वजह से निकाल दिए गए. घर से निकाल देने के बाद चैन्नई आकर चोरी करने लगे. पर एक दिन पुलिस की गिरफ्त में आ गए और जेल की सलाखों के पीछे चले गए. वहीं से उन्होंने जिंदगी का असली मायने सीखा. जहां उन्होंने एहसास हुआ कि ऐसे जिंदगी जीने का कोई मतलब नहीं है.

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ऑटोरिक्शा और टैक्सी भी चलाया

जेल से निुकलने के बाद वह अपने परिवार के पास बैंगलुरू लौटे . जहां उन्होंने माफी मांगने के बाद कहा कि वह नए सिरे से जिंदगी की शुरूआत करेंगे. उन्होंने शुरू में ऑटोरिक्शा और टैक्सी चलाना शुरू किया.  साथ ही ऑटोरिक्शा यूनियन में बॉडीगार्ड के तौर पर भी काम किया.

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गरीबों की मदद के लिए बनाया न्यू आर्क मिशन ऑफ इंडिया संगठन

राजा ने 1997 में गरीबों की मदद करने के लिए एक संगठन बनाया जिसका नाम रखा न्यू आर्क मिशन ऑफ इंडिया (NAMI). सबसे पहले उन्होंने एसपी रोड से एक वृद्ध बेसहारा महिला को उठाया और उसे अपने घर लाए. फिर उनकी देखभाल की. बतादें आज राजा करीब 700 से ज्यादा बेसहारा लोगों की मदद कर रहे हैं. वह इन सभी लोगों का तीन समय का खाना देते हैं. साथ ही उन्हें मेडिकल सुविधाएं देने के साथ बच्चों के लिए शिक्षा की भी व्यवस्था कराते हैं.

राजा कहते हैं 'हम किसी दूसरे देश से कोई दूसरी मदर टेरेसा के आने की उम्मीद नहीं कर सकते. जरूरत पड़ने पर हम सब को एक दूसरे की मदद करनी होगी.

 

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