स्टूडेंट के ड्रेस कोड की बात तो कॉमन है, लेकिन ये क्या, हिमाचल प्रदेश में अब सरकारी स्कूलों के टीचर्स की ड्रेस कोड तय करने की बात हो रही है. अब मेल-फीमेल दोनों ही अपने अलग-अलग ड्रेस कोड में नजर आने वाले हैं. ये है वजह.
हिमाचल प्रदेश में सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को फैशनेबल कपड़े पर पहनने पर पूरी तरह रोक लगने वाली है. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक सरकार अब हायर सेकंडरी स्कूल्स के टीचर्स के लिए ड्रेस कोड लागू करने पर विचार कर रही है. प्रदेश के शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा, सोलन (हिमाचल प्रदेश) के एक सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों के लिए ड्रेस कोड है. अन्य स्कूलों भी इसका पालन करें तो कोई नुकसान नहीं है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि ड्रेस कोड लागू करने से पहले हम जल्द ही शिक्षकों के साथ बातचीत करेंगे. अधिकारियों ने कहा है कि ड्रेस कोड का मकसद टीचर्स को छोटे और तंग कपड़े पहनने से रोकना है.
यहां के उच्च शिक्षा निदेशक अमरजीत शर्मा ने कहा कि शिक्षक छात्रों के लिए आदर्श होते हैं. शिक्षक की सादगी से ही छात्र सीखते हैं. यदि शिक्षक सादा रहेंगे तो जाहिर है कि बच्चे भी उनका अनुसरण करेंगे. बता दें कि हिमाचल में कुल 15,162 स्कूल्स हैं. जिसमें से 10,650 प्राथमिक और 4,512 उच्च प्राथमिक हैं.
ये हो सकती है ड्रेस
कहा जा रहा है कि सरकार पुरुष टीचर्स के लिए फॉर्मल पैंट और शर्ट का प्रस्ताव ला रही है. वहीं महिला शिक्षकों के लिए साड़ी या सलवार सूट ड्रेसकोड होगा. इसके अलावा महिला शिक्षकों को लेगिंग या जींस पहनने पर रोक लग सकती है.
टीचर्स से आ रहीं मिलीजुली प्रतिक्रिया
सरकार की ओर से आ रहे इस तरह के रिएक्शन से प्रदेश के कुछ शिक्षकों ने फैशनेबल कपड़ों पर प्रतिबंध को उचित बताया है. वहीं कई शिक्षक इस पर आपत्ति जतारहे हैं. उनका कहना है कि ये एक पूरी तरह से अपमानजनक फैसला होगा.