scorecardresearch
 

मिसाल: 96 साल की उम्र में स्कूल जा रही है ये बुजुर्ग महिला

ये बुजुर्ग महिला 100वें जन्मदिन से पहले अपनी हाईस्कूल की पढ़ाई पूरी करना चाहती हैं.

Advertisement
X
Guadalupe Palacios
Guadalupe Palacios

Advertisement

किसी भी चीज को सीखने की कोई उम्र नहीं होती. अगर आप जीवन में सच में कुछ सीखना चाहते हैं तो मन में जुनून और जज्बा होना चाहिए. आज हम ऐसी महिला के बारे में बताने जा रहे हैं जो अपने एक सपने को पूरा करने के  लिए 96 साल की उम्र में स्कूल जा रही हैं. 

कौन हैं ये बुजुर्ग महिला

मेक्सिको की रहने वाली इस महिला का नाम Guadalupe Palacios हैंं. 96 साल की उम्र में भले ही बुढ़ापे की वजह से उनके चेहरे पर झुर्रियां, सफेद बाल दिखाई दे रहे हैं लेकिन उनका इरादा बूढ़ा नहीं हुआ है. इस उम्र में भी वह स्कूल जाने का सपना पूरा कर रही हैं. पढ़ाई को लेकर उनके चेहरे पर उत्साह साफ दिखाई देता है. आपको बता दें, उम्र के इस पड़ाव में वह अपने 100वें जन्मदिन से पहले हाईस्कूल की पढ़ाई पूरा करना चाहती हैं. ये उनका सबसे बड़ा सपना है.

Advertisement

कैसा था स्कूल का पहला दिन

- दक्षिणी राज्य चीपस के हाईस्कूल में उन्होंने पहले दिन स्कूल यूनिफॉर्म (काले रंग की स्कर्ट और सफेद पोलो शर्ट) पहनी थी. इसी के साथ उन्होंने अपना गुलाबी रंग का स्वेटर भी पहना था. जिसके बाद स्कूल में उनका बहुत प्यार से किया गया.

21 की उम्र में खो दी थी आंखों की रोशनी, इस तरह पढ़ाई कर बने जज   

96 साल की उम्र में क्यों लिया स्कूल में एडमिशन

जिस उम्र में आराम की जरूरत होती है उसी उम्र में Guadalupe Palacios ने स्कूल में दाखिला लिया. बता दें, उनका बचपन काफी गरीबी में बीता. बचपन में अपने परिवार की मदद के लिए वह मकई और बीन्स के खेत में मदद की. जिस वजह से उनकी पढ़ाई पूरी नहीं हो पाई. वहीं हाईस्कूल के लिए गांव में कोई खास व्यवस्था नहीं थी. 

कैंपस प्लेसमेंट में महाराष्ट्र के इस छात्र को मिला 60 लाख का सैलरी पैकेज

एक वेबसाइट के अनुसार, उन्होंने बाजार में मुर्गियों को बेचने का काम किया. उनकी दो बार शादी हुई और छह बच्चे को जन्म दिया. पूरा जीवन उन्होंने अपने परिवार को दे दिया लेकिन कभी पढ़ना और लिखना नहीं सीखा. अब जब उन्हें मौका मिला तो अपने से 8 दशक छोटे स्टूडेंट्स के साथ पढ़ाई करने का फैसला और रेगुलर पब्लिक स्कूल में एडमिशन लिया.

Advertisement

बता दें, जब वह 92 साल की हुई तो उन्होंने पढ़ने के बारे में सोचा था. जिसके बाद उन्होंने खुद से 'साक्षरता कार्यक्रम' में अपना नाम नामांकित किया था. 2015 में, एक प्राथमिक स्कूल कार्यक्रम में एडमिशन लिया था. चार साल से भी कम समय में वह प्राथमिक और माध्यमिक दोनों स्कूलों को पूरा कर चुकी हैं. अब हाइस्कूल की पढ़ाई पूरा करना चाहती हैं.

Advertisement
Advertisement