नेतरहाट स्कूल और दून स्कूल की तर्ज पर बिहार के पहले सरकारी आवासीय स्कूल के पहले बैच के छात्रों ने वो कर दिखाया, जिसकी कल्पना किसी को नहीं थी. 10वीं के आए नतीजों में टॉप 31 छात्रों में अकेले सिमुलतल्ला हाई स्कूल के ही 30 छात्र हैं. यह इस मायने में भी दिलचस्प है कि पिछले 5 वर्षों से यह स्कूल किराए के मकान में है.
राज्य के सबसे पिछड़े इलाकों में माने जाने वाले जमुई के सुदूर देहात में इस सरकारी स्कूल के छात्रों ने बिहार के 10वीं के नतीजे में तमाम रिकॉर्ड़ तोड़ दिए हैं. बिहार माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने जब 20 जून को रिजल्ट जारी किया तो यह तय हो गया कि अब यह स्कूल गुमनामी के अंधेरे में नहीं रहेगा. खास बात यह भी है कि इस स्कूल में पढने वाले लड़के दूर देहात गांवों के वे मेधावी छात्र हैं, जो शहरों के चमक-दमक से दूर रहे हैं.
बिहार से झारखंड के अलग होने के बाद मशहूर स्कूल नेतरहाट झारखंड़ में चला गया था. इसके बाद बिहार में पहला आवासीय स्कूल सिमुलतल्ला आवासीय स्कूल खोला गया. इसमें पूरे बिहार से 34 हजार छात्रों ने प्रवेश परीक्षा दी, जिसमें से 108 छात्र-छात्राओं का चयन हुआ. इस स्कूल का यह पहला बैच था, जिसने बिहार बोर्ड की परीक्षा में सफलता के झंडे गाड़ दिए. टॉप 30 में 25 लड़के और 5 लड़कियां हैं.