हमारे देश में कभी यह कहावत बड़ी प्रचलित थी कि लोहे में टाटा और जूते में बाटा का कोई जोड़ नहीं. बाटा शू कंपनी के 40 सालों तक सीईओ के रूप में सेवा देने वाले थॉमस जे बाटा का निधन साल 2008 में 1 सितंबर के रोज ही हुआ था.
1. बाटा को दुनिया की नंबर 1 कंपनी बनाने में उनकी अहम भूमिका रही है.
2. जब बाटा 4 बरस के थे तो उन्हें क्रिसमस पर तोहफे में शूमेकर की बेंच मिली थी. इसमें जूते बनाने के सभी टूल थे.
3. साल 1975 तक बाटा के पास 89 मुल्कों में 98 कंपनियां थीं. 90 कारखानों में काम करने वाले 90,000 कर्मचारी थे.
4. बाटा कंपनी उस दौरान हर साल 25 करोड़ जोड़ी जूते बना रही थी और 5,000 से अधिक दुकानों में बिक रहे थे.
5. 60 के दशक में बाटा के सफेद कैनवस स्नीकर दुनिया भर में छा गए. जिन्हें हम पीटी शूज के नाम से भी जानते हैं. एशियाई और दक्षिण अमेरिकी बाजारों में उत्पादन की 60-80 फीसद हिस्सेदारी उनकी थी.