5 जनवरी 2020 को जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में हिंसा हुई थी. अब उस हिंसा में शामिल होने वालों को जेएनयू के वाइस चांसलर जगदीश कुमार की ओर से पुरस्कृत किया जाएगा. यह बात जेएनयू छात्रसंघ (JNUSU) की ओर से जारी नोटिस में कही गई है. नोटिस में कहा गया कि जो लोग कैंपस में हुई हिंसा को को-ऑर्डिनेट करने वाले व्हाट्सएप ग्रुप में शामिल थे अब उन सभी को असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्त किया जा रहा है, साथ ही जेएनयू के वीसी उन्हें पुरस्कृत भी करेंगे.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हिंसा को को-ऑर्डिनेट करने वाले व्हाट्सएप ग्रुप में रेनू सेन नाम की एक महिला शामिल थी. अब उनकी नियुक्ति स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज में एक असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में होगी. हम सभी जानते हैं कि 5 जनवरी को हुई हिंसा में ABVP, साइक्लोप्स सिक्योरिटी और जेएनयूटीएफ (JNUTF) शामिल थे. वहीं जेएनयू के वाइस चांसलर ABVP के कार्यकर्ताओं को असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्त कर रहे हैं, भले ही उनके पास आवश्यक योग्यता हो या न हो. ऐसा करने के मुख्य कारण अकादमिक परिसर को नष्ट करना है.
नोटिस में आगे लिखा गया है, जेएनयू ऐसा विश्वविद्यालय है, जो शिक्षा के मॉडल को बढ़ावा देता है. यहां के पढ़े हुए छात्र नोबेल विजेता हैं. ये सस्ती शिक्षा देता है. लेकिन ऐसी पढ़ाई दक्षिणपंथियों की आंखों में चुभ रही है. वहीं इस विश्वविद्यालय को ABVP और RSS की सोच के साथ नष्ट किया जा रहा है. जेएनयू में 4 और 5 जनवरी की हिंसा में, एबीवीपी पूर्व एबीवीपी कार्यकर्ताओं को टीचर फेडरेशन द्वारा जेएनयू फैकल्टी की ओर से सहायता प्राप्त थी. बता दें, हाल ही में नियुक्त हुए असिस्टेंट प्रोफेसर जयखोंग बसुमतरी और अंशु जोशी ने 4-5 जनवरी को छात्रों पर हमला करने की पहल की थी.
हाल ही में नियुक्त किए गए तपन कुमार बिहारी को एबीवीपी कार्यकर्ता के रूप में हिंसा के लिए हैदराबाद के अल्मा मेटर विश्वविद्यालय से निलंबित किया गया था. वह पेरियार छात्रावास के वार्डन रहे हैं. बता दें, हिंसा के दौरान ABVP कार्यकर्ता और बाहर से आए गुंडे उनके फ्लैट में छड़ और लाठियों के साथ जमा हो गए थे. उन सभी ने छात्रों पर भारी पथराव किया, इसी बीच एक अन्य शिक्षक अमित थोराट की बाइक भी तोड़ दी गई थी.
नोटिस में लिखा गया कि असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर ये भर्तियां उसी समय की जा रही हैं, जब प्रशासन कार्यकारी परिषद में एक प्रस्ताव पारित करके शिक्षक संघ के प्रतिनिधिमंडल के पास जा रहा है. जो JNUTA को स्वयं के कार्यालय का उपयोग करने की अनुमति नहीं देता है या कोई सहायक कर्मचारी नहीं है.
नोटिस के मुताबिक, व्हाट्सएप ग्रुप में शामिल रेनू सेन की नियुक्ति ये दर्शाती है कि जेएनयू के वाइस चांसलर शिक्षकों की भर्ती नहीं कर रहे हैं बल्कि वह ऐसे असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती करने जा रहे हैं जो रॉड से मारने वाले और पथराव करने वालों की कमान संभाल सके. जेएनयू छात्रसंघ (JNUSU) की मांग है कि एचआरडी द्वारा नियुक्तियों में गड़बड़ी पर एक जांच स्थापित की जाए और भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद की जांच के स्पष्ट मामले सामने आएं. नोटिस में अंत में लिखा है, हमने पहले ही स्पष्ट रूप से कहा कि JNU के वाइस चांसलर जगदीश कुमार कैंपस के लिए स्वीकार्य नहीं हैं और उन्हें हटा दिया जाना चाहिए.