टाइम मैगजीन ने 2018 में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 25 टॉप प्रभावी युवाओं की लिस्ट जारी है. इनमें तीन भारतीय मूल के स्टूडेंट्स शामिल है. भारतीय मूल के स्टूडेंट्स में भारतीय-अमेरिकी छात्रा काव्या कोप्पारापू, छात्र ऋषभ जैन और ब्रितानी-भारतीय छात्रा अमिका जॉर्ज का नाम है. ये सभी अपनी कामों की वजह से लाखों युवाओं की प्रेरणा हैं.
बता दें कि भारतीय अमेरिकी ऋषभ जैन ने एक ऐसे अल्गोरिदम का विकास किया है, जिससे संभावित रूप से अग्न्याशय कैंसर का इलाज हो सकता है. वहीं काव्या कोप्पारापू ने मस्तिष्क कैंसर के मरीजों के इलाज के लिए एक कंप्यूटर प्रणाली विकसित की है और वो हार्वर्ड विश्वविद्यालय में अभी पढ़ाई कर रही हैं. टाइम पत्रिका के अनुसार उनका लक्ष्य 'लक्षित थेरेपी विकसित करना है, जो संबंधित मरीजों के लिए अनोखी हो.
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इसके अलावा ब्रितानी भारतीय छात्रा अमिका जॉर्ज का लक्ष्य है कि पॉलिसी मेकर 'माहवारी गरीबी' खत्म करें. वह चाहती हैं कि सरकार ऐसी लड़कियों और महिलाओं के लिए एक नीति बनाए जो माहवारी पैड खरीदने में असमर्थ हैं. जॉर्ज ने टाइम पत्रिका से कहा, 'यह चीज मुझे परेशान करती है. ब्रिटेन में कई लड़कियां नियमित रूप से माहवारी के दौरान स्कूल नहीं जाती हैं क्योंकि वह माहवारी पैड खरीदने में असमर्थ हैं.'
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उन्होंने कहा, 'सरकार को पता है कि उसकी नजरों के सामने यह सब हो रहा है लेकिन वह समाधान निकालने से इंकार कर रही है.' जॉर्ज ने ‘फ्री पीरियड्स’ नाम से एक अभियान चलाया है. उनकी इस याचिका पर करीब दो लाख लोग हस्ताक्षर कर चुके हैं. उनके इस अभियान का ब्रिटेन के कई नेताओं ने भी समर्थन किया है.