वो 7 दिसंबर की सुबह थी, जब विधानसभा चुनाव के नतीजे आने में केवल 4 दिन बाकी थे. देर रात काम करते वक्त मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) वीएल कंधराव को पता चला कि उनके पिता वी. सूर्यनारायण का हैदराबाद में निधन हो गया. ये पल उनके लिए पीड़ादायक था, लेकिन पद की जिम्मेदारियों की वजह से कंधराव को पिता के निधन के दो दिन बाद ही वापस अपनी ड्यूटी पर लौटना पड़ा. उनके जोश और काम करने के तरीके को देखकर यह लगा ही नहीं कि दो दिन पहले ही इस अफसर के पिता का निधन हो गया था.
रिपोर्ट्स के मुताबिक मध्य प्रदेश के नतीजों से पहले कंधवाल को पिता के निधन की खबर मिली. उन्होंने आधे घंटे के भीतर ही भोपाल से इंदौर फिर हैदराबाद के लिए फ्लाइट ली. वह आंध्र प्रदेश में अपने पैतृक गांव पासारलापुडी पहुंचे. उनका सफर यहां खत्म नहीं हुआ. पिता का पार्थिव शरीर देखने के लिए उन्हें 450 किलोमीटर का और सफर करना बाकी था. बता दें कि वीएल कंधराव 1992 बैच के आईएएस अधिकारी हैं.
एक पुत्र की जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए कंधराव ने अपने पिता का अंतिम संस्कार किया. फिर 9 दिसंबर की रात को वापस भोपाल लौट आए. पिता की मौत का दर्द सीने में दबाकर वह मंगलवार (11 दिसंबर ) की रात तक चुनावी मतगणना के काम को पूरे जोश के साथ करते रहे. कांग्रेस और बीजेपी में कांटे की टक्कर होने की वजह से इस बार मध्य प्रदेश पर समूचे देश की निगाहें लगी हुई थीं. बताते चलें कि मध्य प्रदेश में 15 साल बाद बीजेपी ने सत्ता गंवा दी है. बीजेपी को 109 और कांग्रेस को 114 सीटें मिली हैं.
MP में EVM से हेरफेर के आरोपों को लेकर कांग्रेस के झांसे का पर्दाफाश
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक वीएल कंधराव ने बताया- 28 नवंबर को वोटिंग के बाद हमने सोचा कि काम अच्छा हुआ है, लेकिन उसके बाद परेशानी सामने आई. जिसमें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVMs) की छेड़छाड़ और देरी से वोटिंग होने की खबर मिली. दरअसल, भोपाल जेल में 30 नवंबर को बिजली आपूर्ति बंद होने पर CCTV में कुछ देर के लिए रुकावट आ गई थी. ये घटना उस हॉल में हुई जहां EVMs को मतदान के बाद कड़ी निगरानी में रखा गया था.
लेकिन EVMs मशीनों में हेरफेर और छेड़खानी का कोई सबूत सामने नहीं आया. ये आरोप सिर्फ राजनीतिक दलों द्वारा लगाए गए आरोप थे. वीएल कंधराव ने एक्सप्रेस को बताया, "16 दिसंबर को मैं वापस अपने पैतृक गांव जाऊंगा, ताकि वहां दसवीं के अनुष्ठान में भाग ले सकूं." वीएल कंधराव को इस साल जुलाई में सीईओ के रूप में नियुक्त किया गया था. इससे पहले वह "डिपार्टमेंट ऑफ स्पोर्टस एंड यूथ वेलफेयर" के प्रिंसिपल सेक्रेटरी थे.
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बता दें कि राव अपनी नियुक्ति के एक महीने के अंदर उस वक्त चर्चा में आए थे जब उन्होंने इलेक्शन कमीशन (EC) के निर्देशों पर एक लिखित परीक्षा का आयोजन करवाया था. ये परीक्षा उन अधिकारियों के लिए थी जिनकी ड्यूटी चुनाव के दौरान लगनी थी.