केंद्र में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा गठित एक कमेटी का मानना है कि यूजीसी अपना लक्ष्य पाने में नाकाम रहा है. इस कमेटी ने सिफारिश की है कि यूजीसी को भंग कर देना चाहिए. महिला सुरक्षा पर यूजीसी की अहम पहल
एक अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, एचआरडी मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा गठित कमेटी ने कहा है कि आज के दौर में शिक्षा के क्षेत्र में जिस तरह की चुनौतियां आती जा रही हैं, उससे निपटने में भी यूजीसी अक्षम साबित हुआ है. इतना ही नहीं, कमेटी का यह भी मानना है कि यूजीसी में सुधार के लिए अब इसमें किसी तरह की सुधार की गुजाइश नहीं बची है.
यूजीसी की पड़ताल करने के लिए गठित कमेटी के अध्यक्ष हरि गौतम हैं, जो कि इसी संस्था के चेयरपर्सन रह चुके हैं. कमेटी ने एक अलग संस्था के गठन का प्रस्ताव रखा है, जिसका नाम होगा 'नेशनल हायर एजुकेशन अथॉरिटी'. इस नई अथॉरिटी के गठन के लिए संसद से प्रस्ताव पास कराने की बात कही गई है.
हालांकि कमेटी ने यह भी कहा है कि किसी नई संस्था के आकार लेने तक मंत्रालय फिलहाल यूजीसी में ही बदलाव ला सकता है.
बहरहाल, देखना यह है कि पहले से ही कई वजहों से चर्चा में रहा मानव संसाधन विकास मंत्रालय इस कमेटी की रिपोर्ट पर आगे क्या ठोस कदम उठता है.