छात्र अब AYUSH के अंतर्गत आने वाले कोर्सों में PhD कर पाएंगे. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी UGC ने सभी विश्वविद्यालयों को कहा है कि वे इस कार्यक्रम की शुरुआत करें.
इसके बाद छात्र आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, होम्योपैथी आदि विषयों में पीएचडी कर पाएंगे.
गौरतलब है कि इस साल 24 जून को AYUSH मंत्रालय ने UGC को एक पत्र लिखकर कहा था कि वे सभी शैक्षिक संस्थानों से इन विषयों में PhD कार्यक्रम चलाने को कहे.
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आयुर्वेदिक विज्ञान, होम्योपैथी, योग और प्राकृतिक चिकित्सा के लिए UGC ने यह भी कहा कि इन विषयों में अनुसंधान के लिए स्थापित केन्द्रीय परिषद, हर वर्ष PhD करने के लिए 200 विद्यार्थियों को प्रायोजित करे. इनमें से 125 छात्र आयुष में पोस्टग्रेजुएट और 75 छात्र विज्ञान एवं तकनीक से होंगे, जो 'आयुष' रिसर्च विषयों पर PhD करना चाहते हैं.