यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) ने एक ‘पूर्ण समावेशी और संवादात्मक’ पोर्टल का प्रस्ताव दिया है जो विश्व का सबसे बड़ा पोर्टल होगा जिस पर सभी भारतीय भाषाओं में जानकारी उपलब्ध होगी.
इस सप्ताह की शुरुआत में कुलपतियों को लिखे एक पत्र में यूजीसी सचिव जसपाल सिंह संधू ने महत्वाकांक्षी ‘भारतवाणी’ परियोजना के लिए सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों से उनके पास उपलब्ध विभिन्न भाषाओं की डिजीटलीकृत और गैर डिजीटलीकृत सामग्रियों को साझा करने के लिए कहा है.
कुलपतियों को 24 नवंबर को लिखे पत्र में संधू ने कहा ‘भारतवाणी परियोजना का लक्ष्य एक पोर्टल :वेबसाइट: के जरिये मल्टीमीडिया फॉर्मेट का उपयोग करते हुए भारत में सभी भाषाओं में जानकारी उपलब्ध कराना है.’ उन्होंने कहा ‘यह पोर्टल पूर्ण समावेशी, संवादात्मक, गतिशील और नियंत्रित होगा.’ यूजीसी सचिव ने कहा कि वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार देश में 122 अनुसूचित और गैर अनुसूचित भाषाएं एवं 234 मातृ भाषाएं हैं.
इनपुट: भाषा