2009 की सरकारी रिपोर्ट में 44 डीम्ड यूनिवर्सिटीज को ब्लैकलिस्ट करार देने को लेकर जो विवाद चल रहा था उसमें एक नया मोड़ आ गया है. यूजीसी ने सोमवार को एक नई रिपोर्ट पेश करते हुए 44 में से 34 यूनिवर्सिटीज को क्लीनचिट दे दी है.
इस रिपोर्ट के मुताबिक सात-आठ यूनिवर्सिटी को अभी भी ब्लैकलिस्ट किया गया है. इस रिपोर्ट के लिए चार सदस्यों की कमेटी का गठन हुआ था जिसका नेतृत्व यूजीसी के चेयरमैन एच देवराज कर रहे थे.
देवराज के मुताबिक कुल 44 में से सात- आठ यूनिवर्सिटीज ही ऐसे हैं जो यूजीसी द्वारा जारी किए गए मानकों पर खरी नहीं उतरी हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि इन यूनिवर्सिटीज को अधिसूचना रद्द करने से पहले मानव संसाधन और विकास मंत्रालय से कारण बताओ नोटिस मिल सकता है.
गौरतलब है कि नई रिपोर्ट कमिशन ने स्वीकार कर ली है और इसे सुनवाई से पहले यानी कि 30 सितंबर तक सुप्रीम कोर्ट को सौंपा जा सकता है. इससे साफ तौर पर जाहिर होता है कि ब्लैकलिस्ट में शामिल यूनिवर्सिटीज को सफाई पेश करने के लिए एक काफी समय मिल गया है क्योंकि उनकी अधिसूचना तुरंत रद्द नहीं की जाएगी.
इसके अलावा दो डीम्ड यूनिवर्सिटी कोर्ट में जाकर यूजीसी के खिलाफ शिकायत दर्ज करा चुकी है. दोनों यूनिवर्सिटी का कहना है कि यूजीसी ने उनकी यूनिवर्सिटी की जांच तय मानकों पर नहीं की है और रिपोर्ट पेश कर दी है.
आपको बता दें कि यूजीसी की नई रिपोर्ट के मुताबिक जो यूनिवर्सिटी ब्लैकलिस्ट हैं उनमें भारत इंस्टीट्यूट ऑफ हायर एजुकेशन, विनायका