यूनिवर्सिटी ग्रांटस कमीशन (UGC) के यह कहने के बाद कि देश भर के सारे संस्थानों को रैंकिंग दी जाएगी, इस पर काफी विवाद शुरू हो गया है.
यूजीसी के अनुसार प्राइवेट इंस्टीट्यूट और यूनिवर्सिटीज भी इस रेटिंग के अंदर आएंगे. यूजीसी के इस कदम से एजुकेशन के क्षेत्र की दूसरी AICTE (इंजीनियरिंग के लिए), MCI (मेडिकल) और NATA (आर्किटेक्चर) जैसी रेगुलेटरी बॉडीज नाराज हो गई हैं. यह पहला मौका है जब यूजीसी एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स की रैंकिंग कर रहा है.
यूजीसी ने देश के सभी यूनिवर्सिटी, कॉलेज और इंस्टीट्यूट को निर्देश दिया है कि वे नेशनल इंस्टीट्यूशन रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) वेबसाइट पर जाकर खुद को रजिस्टर करें. रैंकिंग की घोषणा अप्रैल 2016 में की जाएगी.
वहीं, इस बारे में कई स्कॉलरों का मानना है कि देश स्तर पर ऐसा कर पाना संभव नहीं है क्योंकि NIRF के पास उतनी क्षमता में वर्कफोर्स नहीं है जो देश भर के कॉलेजों की रैंकिंग पूरा कर सके.