यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) ने सभी इंस्टीट्यूट को कहा है कि वे अपने फीस स्ट्रक्चर की जानकारी अपने वेबसाइट पर दें. यूजीसी ने इसकी देखरेख का जिम्मा वाइसचांसलरों को सौंपा है.
सभी कोर्सेज के फीस स्ट्रक्चर के साथ-साथ इंस्टीट्यूट को इंस्टीट्यूशन के विकास के लिए दी जा रही फंड की जानकारी भी देनी होगी. एडमिशन प्रोसेस के समय हर साल स्टूडेंट्स और पैरेंट्स की ओर से यह शिकायत की जा रही थी कि इंस्टीट्यूट फीस की सही जानकारी नहीं देते हैं.
यूजीसी ने सारे इंस्टीट्यूट को 15 दिनों के अंदर एक्शन लेने और उसकी जानकारी देने को कहा है. वाइसचांसलरों के साथ हो रही बातचीत में यूजीसी ने स्टूडेंट्स को दी जा रही सुविधाओं, रिसर्च आउटपुट, अकेडमिक कलेंडर से संबंधित चीजों पर भी विचार किया.
पिछले सप्ताह एचआरडी मिनिस्ट्री ने स्टूडेंट्स के फायदे के लिए 'नो योर कॉलेज' के नाम से एक पोर्टल जारी किया. इस प्लेटफॉर्म पर एक साथ 10,500 कॉलेजों के 14,000 टेक्निकल प्रोग्राम्स की जानकारी है. इसके अलावा 35,000 कॉलेजों के 20,000 नॉन-टेक्निकल एजुकेशन की भी जानकारी दी गई है.