स्कूल टाइम लाइफ का बेस्ट टाइम होता है. लेकिन जब हम स्कूल में होते हैं तो हमें स्कूल जाना पसंद नहीं होता और एग्जाम के समय तो हमें स्कूल से नफरत ही होने लगती है. जब हम स्कूल छोड़कर कॉलेज में आ जाते हैं तो हमें पता चलता है कि स्कूल में बिताए पल ही जिंदगी के सबसे खुशनुमा और यादगार पल होते हैं. वैसे तो स्कूल टाइम को हम बहुत मिस करते हैं लेकिन हम आपको बता रहे हैं ऐसी 10 चीजें जो हर लड़की अपने स्कूल के बारे में मिस करती है.
1. सुबह जल्दी उठना: अपने स्कूल टाइम में हम मार्निंग अलार्म से कितनी नफरत करते थे. उस समय हमें पता चलता था कि हमारे बेड के साथ हमारा कितना गहरा रिश्ता है.
2. तैयार होना: अपने बोरिंग स्कूल यूनिफॉर्म को स्टाइलिश बनाने में हम कितनी मेहनत करते थे. छोटी स्कर्ट खरीदना और मोजे को नीचे पहनना ट्रेंड था. अगर स्कूल में किसी स्पेशल से मिलना होता था- तो क्या ही कहना. तब बिना मेकअप हम सबसे सुंदर लगना चाहते थे.
3. सीनियर पर क्रश: सीनियर को छुप-छुप कर देखने के दिन भी कितने अच्छे थे. लगभग सबके स्कूल में एक गुड लुकिंग सीनियर तो होता ही था जिससे हमारी आंखें हटती ही नहीं थी. लेकिन हमें कभी उससे बात करने की हिम्मत नहीं हुई.
4. केजुअल वियर पहनने का दिन: स्कूल में जिस दिन केजुअल कपड़े पहनने होते थे उस दिन हमारी खुशी का ठिकाना ही नहीं होता था. क्लास 7 तक अपने बर्थडे पर केजुअल कपड़े पहननने की अनुमति थी लेकिन उसके बाद थोड़ी हिचक होने लगती थी. तब फेयरवेल और क्लास असेंबली तक ही यह परंपरा सिमट के रह गई थी.
5. बर्थडे और कैंटीन फूड: स्कूल में अपने बर्थडे पर बहुत खुशी होती थी. भले ही सेलिब्रेशन सिंपल होता था लेकिन हमें बहुत ही स्पेशल फील होता था. 'Happpyyyyyy Biiirrttttthhhhhddaaaayyyy ttoooo yyyooouuuu!' जब पूरी क्लास गाती थी तो पता नहीं चलता था कि किसकी तरफ देखना है. इसके बाद कैंटीन में ट्रीट होती थी.
6. स्कूल फंशन: कॉम्पटीशन और स्कूल फंशन के लिए तैयारी करना बहुत ही मजेदार होता था. प्रैक्टिस के लिए स्कूल टाइमिंग के बाद भी स्कूल में रहना, दूसरे सेक्शन के स्टूडेंट्स के साथ मस्ती करना, स्नैक्स खाने का अलग ही मजा था. स्कूल इलेक्शन का भी अपना अलग ही क्रेज होता था. चुनावी भाषण की तैयारी करना, प्रचार करना और थोड़ी राजनीति भी स्कूल टाइम के यादगार पलों में से एक है.
7. स्कूल बेल: हर पीरियड खत्म होने के बाद बेल का बजना बहुत सुकून देता था लेकिन छुट्टी की घंटी की तुलना किसी और चीज से नहीं की जा सकती.
8. सजा मिलना: क्लास के बाहर कान पकड़ कर खड़ा होना, मुंह पर ऊंगली रखना- ऐसी सजा मिलना उन दिनों आम बात थी. टीचर के डांटने पर मुस्कुराने का मजा ही अलग था.
9. टीचर: हमारे पेरेंट्स के बाद हमारे शिक्षकों को ही हमपर सबसे ज्यादा नाज हुआ करता था. वे हमारी हर संभव सहायता करने को तैयार रहते थे. उनसे ही हमें जिंदगी का सबसे बड़ा तोहफा-'ज्ञान' मिला है.
10. दोस्त: स्कूल के समय हुई दोस्ती सबसे ज्यादा गहरी होती है. स्कूल टाइम में जैसे दोस्त बनते हैं वैसे जिंदगी के किसी मुकाम पर नहीं बनते. हमारे स्कूल के दोस्त हमारे साथ बड़े होते हैं और हमारी सब बातें जानते हैं. वो हमारे सपोर्ट सिस्टम होते हैं.