scorecardresearch
 

देश को पहली नौसेना देने वाले थे शिवाजी, जानिए कई अनसुनी बातें

देश को पहली नौसेना देने वाले राजा थे शिवाजी, जानिये और भी कई अनसुनी बातें...

Advertisement
X
छत्रपति शिवाजी
छत्रपति शिवाजी

अपनी वीरता से शक्तिेशाली मुगलों को घुटने टेकने पर मजबूर करने वाले सम्राट छत्रपति शिवाजी न सिर्फ एक महान शासक थे, बल्किक दयालु योद्धा भी थे. वीर योद्धा होने के साथ-साथ वो सैन्य रणनीतिकार भी थे. गुरिल्ला युद्ध की नई तकनीक सिखाने वाले शिवाजी महाराज ही थे.

Advertisement

343 साल पहले 6 जून 1674 को उनका राज्याभिषेक हुआ था. शिवाजी के बारे में ऐसा बहुत कुछ है, जिसे संभवत: आप नहीं जानते होंगे. जानिये शि‍वाजी के उन अनसुने पहलुओं के बारे में, जो उनकी शान में चार चांद लगाते हैं.

जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ
शिवाजी एक सेक्युलर शासक थे और सभी धर्मों का समान रूप से सम्मान करते थे. शिवाती जबरन धर्मांतरण के सख्त खिलाफ थे. उनकी सेना में मुस्लिम बड़े पद पर मौजूद थे. इब्राहिम खान और दौलत खान उनकी नौसेना के खास पदों पर थे. सिद्दी इब्राहिम उनकी सेना के तोपखानों का प्रमुख था.

सैन्य रणनीतिकार
शिवाजी ने अपने सैनिकों की तादाद को 2 हजार से बढ़ाकर 10 हजार किया था. भारतीय शासकों में वो पहले ऐसे थे, जिसने नौसेना की अहमियत को समझा. उन्होंने सिंधुगढ़ और विजयदुर्ग में अपने नौसेना के किले तैयार किए. रत्नागिरी में उन्होंने अपने जहाजों को सही करने के लिए दुर्ग तैयार किया.

Advertisement

वीर योद्धा
उनकी सेना पहली ऐसी थी, जिसमें गुरिल्ला युद्ध का जमकर इस्तेमाल किया गया. जमीनी युद्ध में शिवाजी को महारात हासिल थी, जिसका फायदा उन्हें दुश्मनों से लड़ने में मिला. पेशेवर सेना तैयार करने वाले वो पहले शासक थे.

हिन्दुत्व के पक्षधर पर दूसरों को भी सम्मान
वो एक धार्मिक हिंदू के साथ दूसरे धर्मों का भी सम्मान करते थे. वो संस्कृत और हिंदू राजनीतिक परंपराओं का विस्तार चाहते थे. उनकी अदालत में पारसी की जगह मराठी का इस्तेमाल किया जाने लगा. ब्रिटिश इतिहासकारों ने उन्हें लुटेरे की संज्ञा दी, लेकिन दूसरे स्वाधीनता संग्राम में उनकी भूमिका को महान हिंदू शासक के तौर पर दिखाया गया.

दयालु राजा
शिवाजी ने भरोसा दिलाया कि वो दुश्मन सेना के सैनिकों के साथ बुरा व्यवहार नहीं करेंगे. संभव होगा तो अपनी सेना में उन्हें वही पद दिया जाएगा. पकड़ी गई किसी महिला को गुलाम की तरह नहीं रखा जाएगा. उन्हें इज्जत के साथ अपने घर भेजा जाएगा.

Advertisement
Advertisement